संस्थापक का अफसरों पर आरोप…कोर्ट में मामला विचाराधीन फिर भी तोड़ दिया
उज्जैन।सुबह प्रशासन के अफसरों की मौजूदगी में त्रिवेणी संग्रहालय के सामने स्थित शिव मंदिर को हटा दिया गया। इस जमीन का प्रशासन द्वारा अधिग्रहण किया गया है और यहां मल्टी लेवल पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। मंदिर संस्थापक ने अफसरों पर आरोप लगाया कि मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के बावजूद मंदिर तोड़ा गया है।
त्रिवेणी संग्रहालय के सामने शिव अविनाशीधाम मंदिर एवं गौशाला 10 हजार स्क्वेयर फीट में स्थित थी जिसका निर्माण वर्ष 2005-06 में टाटम्बरी सरकार द्वारा किया गया साथ ही महारूद्राभिषेक कर मंदिर निर्माण किया गया था। महाकालेश्वर मंदिर परिसर विस्तार का कार्य प्रशासन द्वारा वर्तमान में किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत मंदिर के आसपास लगी जमीन का अधिग्रहण भी जारी है।
प्रशासन द्वारा उक्त मंदिर व गौशाला की जमीन का अधिग्रहण कर मुआवजा राशि 12 लाख 60 हजार रुपये निर्धारित की तो संस्थापक अशोक नागर द्वारा कोर्ट में केस दायर किया गया जिसकी सुनवाई अगले माह होना है। अशोक नागर ने बताया कि बुधवार शाम एडीएम नरेन्द्र सूर्यवंशी यहां निरीक्षण करने आये थे। आज सुबह एसडीएम साहू नगर निगम की अतिक्रमण गैंग व पुलिस के साथ पहुंचे। मंदिर के टीनशेड हटाकर मूर्तियां भी उठाकर ले गये।
मल्टीलेवल पार्किंग के पास था मंदिर त्रिवेणी संग्रहालय के ठीक सामने मल्टी लेवल पार्किंग का निर्माण कार्य जारी है। इसी के पास बने उक्त मंदिर और गौशाला की जमीन का अधिग्रहण प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। संस्थापक नागर के अनुसार अब तक प्रशासन द्वारा निर्धारित किया गया मुआवजा नहीं लिया है बावजूद इसके अफसरों ने बिना पूर्व सूचना के ताला लगे मंदिर को हटा दिया।