बे-बस शहर, फेल सिस्टम, बदहाल ट्रैफिक

शहर के पुराने क्षेत्र में मार्ग व गलियों में जाम
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन: श्रावण अधिकमास के दौरान शहर में श्रद्धालुओं को सैलाब उमड़ रहा है। क्राऊड मैनेजमेंट व ट्रैफिक प्लॉन नहीं होने के कारण पूरा सिस्टम फेल नजर आ रहा है। बे-बस शहर,बदहाल ट्रैफिक परेशान है। अधिकमास खत्म होने में अभी 20 दिन शेष है और आने वाले दिनों में अवकाश का दौर भी प्रारंभ होने वाला है। इसमें शहर के ट्रैफिक के क्या हाल रहने वाले है,इसकी कल्पना की जा सकती है।
शहर में इन दिनों श्रद्धालुओं के आने का क्रम टूटता ही नहीं रहा है। दिन तो दिन रात में भी अस्त-व्यस्त यातायात,तंग गलियों,सड़कों और अतिक्रमण से यातायात व्यवस्था ध्वस्त है। श्रावण मास अधिकमास चल रहा है। ऐसे में आने वाले दिन केवल शहरवासियों के लिए ही नहीं बल्कि प्रशासन और पुलिस के लिए चुनौती भरे रहने वाला है। इस दौरान भगवान महाकालेश्वर की सवारियों के अलावा अन्य तीज त्यौहार भी है।
आने वाले 20 दिनों के लिए करनी होगी टै्रफिक की प्लानिंग
अभी यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो रही है, तो आने वाले २० दिनों में क्या होगा..? दरअसल अधिकमास समापन की ओर बढ़ रहा है और इस दौरान अवकाश का दौर भी आने वाला है। इसके चलते श्रद्धालुओं की संख्या और भी बढऩे की संभावना है। वर्तमान में शहर के यह हालात है कि यातायात व्यवस्था रोज ध्वस्त हो रही है। शहर के पूराने क्षेत्र में लगभग सभी मार्ग व गलियों में दिनभर जाम लगता है। यातायात के दबाव को कैसे मैनेज करने की ठोस प्लानिंग नहीं है। अधिकमास के दौरान शहर की यातायात व्यवस्था के लिए शांति समिति की बैठक में दिए सुझावों पर गौर ही नहीं किया गया। जिला यातायात समिति के पूर्व सदस्य द्वारकाधीश चौधरी के अनुसार सावन के अधिक मास को लेकर प्रशासन-पुलिस की कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है। इस मास का अपना महत्व है और पूरे शहर में श्रद्धालुओं का धार्मिक तीर्थाटन चल रहा है। अधिकांश धार्मिक स्थान शहर के पुराने हिस्से में है।
यह कदम उठाना सबसे जरूरी
- महाकाल क्षेत्र में दो पहिया व पैदल आने-जाने वालों को ध्यान में रखते हुए तीन पहिया व चौपहिया वाहन गलियों में घुसने से रोकना होगा।
- शहर के प्रमुख जगह जवान तैनात किए जाए।
- पुराने शहर व महाकाल क्षेत्र के कुछ मार्गों को वन-वे किए जाने पर निर्णय लेना चाहिए।
- पुराने शहर के रहवासी व व्यापारियों के साथ यातायात व्यवस्था को लेकर सुझाव व प्लानिंग की जाना चाहिए। ताकि एनवक्त पर समस्या खड़ी न हो।
- हरिफाटक चौराहा पर ट्रैफिक वाले शाम होते ही रास्ता बंद कर देते है। शनिवार-रविवार को भीड़ का हवाला देकर रोकते है। मार्ग की सही जानकारी नहीं देने से वाहन अधर-उधर आगे बढ़कर जाम लगा देते है
- ऑटो, ई-रिक्शा वाले प्रतिस्पर्धा में लगे रहते है। साथ ही कहीं भी वाहन खड़ा कर देते है। भले इससे जाम लगे, उन्हें परवाह नहीं।
परेशानी में गूगल मैप भी सहायक
शहर की यातायात व्यवस्था बिगडऩे और जाम लगने में गूगल मैप का भी बड़ा योगदान है। दरअसल अन्य शहरों से आने वाले यात्रियों को मार्ग की सही जानकारी नहीं होती है। तय स्थान पर पहुंचने के लिए गूगल मैप का सहारा लिया जाता है। मैप जो दिशा बताता है वाहन चालक वहीं बढ़ते जाते हैं। फिर वह मार्ग आवागमन के लिए सही है या नहीं इससे कोई लेना देना नहीं। ऐसे में कई व्यस्ततम इलाकों में वाहनों के पहुंचने से जाम लगता है। इन्हें रोकने वाला भी कोई नहीं रहता।