उज्जैन: महापौर ने बुलाई एमआईसी, कई प्रस्तावों को मिलेगी हरी झंडी…

By AV NEWS

92.78 करोड़ रुपए का नमामि गंगे प्रोजेक्ट अब पकड़ेगा रफ्तार…

लाइट मेंटेनेंस का मामला अनिर्णय में उलझा

अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन केंद्र सरकार की योजना के अंर्तगत 92.78 करोड़ रुपए का नमामि गंगे प्रोजेक्ट अब रफ्तार पकड़ सकता है। शहर में सड़कों के निर्माण पर भी नगर सरकार ने फोकस कर लिया है। सड़कों के निर्माण कार्य भी जल्द आगे बढ़ सकते हैं, लेकिन लाइट मेंटेनेंस का प्रस्ताव उलझन में पड़ गया है।

विधानसभा चुनाव से पहले शुक्रवार, 15 सितंबर को सुबह 11 बजे महापौर मुकेश टटवाल ने एमआईसी की बैठक बुलाई है। इसमें कई निर्माण कार्यों और प्रस्तावों को स्वीकृति देने की संभावना है। सबसे महत्वपूर्ण नमामि गंगे प्रोजेक्ट के लिए टेंडर को स्वीकृति जारी की जाएगी ताकि इसका काम तेजी से पूरा किया जा सके।

निगम प्रशासन ने टेंडर के लिए तैयारी भी कर ली है। केंद्र की योजना के तहत पीलियाखाल और भैरवगढ़ के नालों से निकलने वाले गंदे और प्रदूषित पानी को रोका जाएगा। इस प्रस्ताव को निगम परिषद सम्मेलन में भाजपा को पूरी ताकत लगाना पड़ी।

ऐसा संभवत: पहली बार हुआ है जब सदन में पार्टी का ही अध्यक्ष होने के बाद महापौर सहित एमआईसी सदस्यों और पार्षदों को केंद्र से मंजूर शहर हित के प्रोजेक्ट के लिए काफी जोर आजमाइश करनी पड़ी। ग्रांड होटल परिसर की जमीन फ्री होल्ड पर बेचने के प्रस्ताव पर भी एमआईसी में चर्चा हो सकती है।

सड़कों के टेंडर होंगे मंजूर…

एमआईसी में शहर की सड़कों के टेंडर मंजूर किए जा सकते हैं। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नगर सरकार की कोशिश है कि सभी सड़कें बेहतर कर दी जाएं। इसके लिए प्रस्ताव पेश किए जाएंगे। एमआईसी को 20 करोड़ तक के प्रस्ताव स्वीकृत करने का अधिकार मिल चुका है।

प्रोजेक्ट पर भाजपा बोर्ड में टकराव बरकरार

शहर की लाइट मेंटेनेंस प्रोजेक्ट को लेकर भाजपा बोर्ड में गहराया टकराव दूर नहीं हो पा रहा है। केंद्र के इस प्रोजेक्ट के तहत मेंटेनेंस का ठेका ब्रिज एंड रूफ कंपनी को देना है। बिना टेंडर जारी किए ही इसके लिए कंपनी से सीधे एग्रीमेंट किया जा सकता है।

वर्तमान में लाइट मेंटेनेंस पर 4 करोड़ रूपए से ज्यादा का खर्च आ रहा, लेकिन कंपनी दो करोड़ में यह काम कर देगी। महापौर सहित स्मार्ट सिटी प्रशासन इसके लिए तैयार है, लेकिन निगम अध्यक्ष कलावती यादव तकनीकी परीक्षण पर जोर दे रहीं। इससे प्रस्ताव अधर में पड़ गया है।

सूत्रों की मानें तो 12 सितंबर के सम्मेलन में भी इसके लिए महापौर सहित एमआईसी सदस्यों ने अध्यक्ष के साथ बैठक कर चर्चा की, लेकिन निर्णय नहीं हो सका। शुक्रवार को होने वाली एमआईसी में इस पर भी चर्चा कर कोई फैसला किया जा सकता है।

Share This Article