Advertisement

प्रदेश के सभी जिलों में साइबर तहसील योजना उज्जैन से शुरू करने की कवायद

2 फरवरी को होने वाला कार्यक्रम आगे बढ़ा

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:प्रदेश के सभी जिलों में साइबर तहसील योजना को अब उज्जैन से शुरू करने की कवायद हो रही है। पहले यह खरगोन से 2 फरवरी को होना प्रस्तावित थी, लेकिन कार्यक्रम आगे बढ़ गया है। उज्जैन प्रशासन कार्यक्रम मिलने का इंतजार कर रहा है।

मंत्रि-परिषद द्वारा साइबर तहसील की व्यवस्था मध्यप्रदेश के सभी 55 जिलों में लागू करने का निर्णय लिया गया है। साइबर तहसील की व्यवस्था के लिए राजस्व विभाग द्वारा मप्र भू राजस्व संहिता, 1959 में संशोधन कर धारा 13-क में साइबर तहसील स्थापना के प्रावधान किए गए हैं। पहले चरण में इस प्रक्रिया को केवल ऐसे अविवादित प्रकरणों में लागू किया जाएगा, जहां विक्रय पूरे खसरे का है। इसके बाद में इसे सभी प्रकार के अविवादित नामांतरण और बँटवारे में लागू किया जाएगा।

Advertisement

सीएम की पहल पर तैयारी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 13 दिसंबर को मंत्रिमंडल की पहली बैठक में साइबर तहसील की व्यवस्था प्रदेश के सभी 55 जिलों में लागू करने का निर्णय लिया था। बाद में इसे 2 फरवरी से खरगोन से शुरू करने की तैयारी थी। कलेक्टर नीरजकुमार सिंह ने बताया यह कार्यक्रम उज्जैन से शुरू करना प्रस्तावित है, लेकिन अभी कार्यक्रम नहीं मिला है।

Advertisement

अभी कहां-कहां योजना

अभी यह योजना प्रदेश के 12 जिलों में संचालित हो रही है। इनमें दतिया, सीहोर, इंदौर, सागर, डिंडौरी, हरदा, ग्वालियर, आगर मालवा, श्योपुर, बैतूल, विदिशा और उमरिया शामिल हैं।

नई योजना के 3 बड़े फायदे

रजिस्ट्री के बाद नामांतरण, अविवादित नामांतरण के लिए तहसील कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे।

आधुनिक तकनीक के उपयोग से बिना आवेदन दिए पारदर्शी तरीके से रजिस्ट्री के 15 दिन की समय-सीमा में क्रेता के पक्ष में नामांतरण हो सकेगा।

खसरा-नक्शा में भी तत्काल सुधार कराया जा सकेगा।

Related Articles