फर्जी फर्म और बैंक करंट अकाउंट खोलकर उस खाते को बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश

By AV News

साइबर सेल टीम को एक व्यापारी ने ऑनलाइन 85 लाख रुपए की ठगी की शिकायत की थी

अक्षरविश्व न्यूज. इंदौर इंदौर। इंदौर में पिछले दिनों साइबर सेल टीम को एक एजेंसी के व्यापारी ने शिकायत की थी, कि उसके साथ ऑनलाइन 85 लाख रुपए की ठगी हुई है। साइबर सेल एसपी जितेंद्र सिंह के अनुसार उनकी टीम ने शिकायत के आधार जाच शुरू की। जांच में यूपी से इंदौर आकर ऑनलाइन डिलीवरी का काम करने वाले राकेश त्रिपाठी के नाम से इंडसइंड में करंट अकाउंट मिला।

पुलिस जांच में सामने आया कि इस खाते में लगभग 6 करोड़ रुपए से ज्यादा के फर्जी ट्रांजेक्शन किए गए हैं। इसी फर्जी खाते में शिकायत करने वाले गढ़वाल एजेंसी के भी कुछ रुपए ट्रांसफर हुए थे। साइबर टीम द्वारा राकेश त्रिपाठी से पूछताछ करने पर यह सामने आया कि उसका यह खाता इंडसइंड बैंक में काम करने वाले मोहम्मद जाबाज ने खुलवाया था। सायबर पुलिस ने मोहम्मद जाबाज को गिरफ्तार किया, जो इंडसइंड बैंक की सियागंज शाखा में बिजनेस डेवलपमेंट के पद पर काम करता है।

मोहम्मद जाबाज ने बताया की वह राकेश जैसे जरूरतमंद लोगों को रुपयों का लालच देकर, उनके करंट अकाउंट खुलवाकर, उन्हें ऑनलाइन फ्रॉड करने वालो को बेच देता है। आरोपी ने पिछले कुछ महीने करीब 35 फर्जी करंट अकाउंट खुलवाए थे जिसमे 15 बैंक अकाउंट ऐसे थे जो देशभर की। विभिन्न एजेंसियों को बेचे गए थे जिसमे करीब कुछ महीने में 138 करोड़ का ट्रांजेक्शन हुबा था जिसपर साइबर टीम ने सभी 35 खातों को फ्रिज किया है, जिनमें ऑनलाइन ठगी के पैसों को ट्रांसफर किया जाता था।

साइबर सेल के एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया, कि इस मामले सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ है, कि इस तरह के मामलों में आजकल निजी बैंकों के कर्मचारी भी शामिल हो गए हैं। शहबाज और उसके अन्य साथियों ने मिलकर एक करंट अकाउंट को 12 लाख रुपए में दुबई के ऑनलाइन ठग गिरोह को भी बेचा है। फिलहाल पकड़े गए आरोपियों से पुलिस अन्य मामलों में भी पूछताछ कर रही है।

बैंकों से जुड़े आधा दर्जन महिला-पुरुष संदेह के घेरे में

इंडसइंड बैंक के मैनेजर के 15 बंैक खातों में 138 करोड़ के ट्रांजेक्शन के मामले में अब बैंक से जुड़े आधा दर्जन महिला-पुरुष भी संदेह के घेरे में हैं। दो दिन पहले सायबर सेल ने वॉट्सऐप ग्रुप से जोडकऱ शेयर में निवेश के नाम पर इंदौर के व्यक्ति से 85 लाख की ठगी में इंडसइंड बैंक के मैनेजर मोहम्मद जाबाज और राकेश त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था। जाबाज ने शहर में अलग-अलग बैंकों में 35 से अधिक खाते खुलवाए थे। इनमें से 15 खातों में पांच माह में 138 करोड़ के ट्रांजेक्शन हुए हैं।

ज्यादातर पैसा एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर कर निकाल लिया गया। वहीं पुलिस को पता चला कि इन सभी खातों को खोलने के लिए मिनिमम बैलेंस की राशि जाबाज ही जमा करता था, क्योंकि जिन लोगों के नाम खाते खुलवाए गए वे मामूली लोग हैं। वहीं इन खातों को खोलने के लिए बैंक के कुछ और लोगों ने भी मदद की है। ऐसे आधा दर्जन महिला-पुरुष सायबर सेल के रडार पर हैं। इनमें से कुछ और की गिरफ्तारी हो सकती है। वहीं हरियाणा पुलिस ने इंडसइंड बैंक के एक सीनियर मैनेजर को कुछ समय पहले इंदौर से गिरफ्तार किया था। उसकी भी इस केस में सायबर सेल को तलाश है, जो अभी फरार चल रहा है।

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