अब धर्मस्थलों की दुकानों से निगम लेगा प्रॉपर्टी टैक्स

Site Icon

कमर्शियल उपयोग के कारण नगर निगम के खजाने को लग रही चपत

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

सिंहस्थ क्षेत्र की दुकानों से टैक्स के लिए कलेक्टर को भेजा पत्र

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:महाकाल नगरी उज्जैन में नगर निगम अब सभी धर्मस्थलों के बाहर या आसपास लगने वाली दुकानों से भी प्रॉपर्टी टैक्स लेगा। इससे निगम के खजाने को हो रहे नुकसान से बचा जा सकेगा। सिंहस्थ क्षेत्र में भी दुकानों और होटलों के संचालन से निगम को आर्थिक चपत लग रही। इसके लिए कलेक्टर को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है। शहर के कई धार्मिक स्थलों के आसपास व्यवसायिक दुकानों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन दुकानदार कमर्शियल टैक्स नहीं दे रहे। इससे निगम को हर साल लाखों रुपयों की आर्थिक चपत लग रही।

निगम द्वारा ऐसी प्रॉपर्टियों का सर्वे भी कराया जा रहा है, जो टैक्स नहीं चुका रहे। नगर निगम में राजस्व समिति के प्रभारी रजत मेहता के अनुसार शहर के सभी धार्मिक स्थलों के बाहर या आसपास दुकानदार किराए से दुकान लेकर संचालित कर रहे लेकिन धार्मिक मामला होने के कारण इन प्रॉपर्टियों का टैक्स जमा नहीं किया जाता। इसके लिए अब निगम प्रशासन सख्ती से नोटिस जारी कर टैक्स वसूलने की कार्रवाई करेगा। सिंहस्थ क्षेत्र में भी कई दुकानें, होटलें और रेस्टोरेंट खुल गए हैं, लेकिन निगम इनसे टैक्स नहीं ले पा रहा। दरअसल, प्रशासन ने सिंहस्थ क्षेत्र में पक्के निर्माण पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके बाद भी अवैध अतिक्रमण कर व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। इसको लेकर राजस्व समिति ने कलेक्टर नीरज कुमार सिंह को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है।

महाकाल मंदिर को भेजा जा चुका नोटिस

महाकाल मंदिर पर नगर निगम का 1 करोड़ रुपये से अधिक का टैक्स बकाया है। इसकी वसूली के लिए भी मंदिर प्रबंध समिति को नोटिस भेजा जा चुका है। वसूली होगी

किसी भी जगह जहां व्यावसायिक गतिविधियां होती हैं, निगम द्वारा टैक्स लेने का प्रावधान है। अगर अवैध अतिक्रमण है तो काबिज की चिट्ठी काटकर टैक्स की वसूली की जा सकती है। पूर्व में इस तरह की वसूली की जा चुकी है।-रजत मेहता, प्रभारी राजस्व समिति

Related Articles