फ्रीगंज के नए ब्रिज की एनआईटी भोपाल भेजी

By AV NEWS 3

चिंतामन ब्रिज बाद में मंजूर और पहले लगा टेंडर

अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। फ्रीगंज ओवरब्रिज को सरकार से पहले प्रशासकीय स्वीकृति मिली लेकिन चिंतामन मार्ग में शिप्रा नदी पर ब्रिज को बाद में स्वीकृति मिली और उसका टेंडर पहले लग गया। फ्रीगंज में नया ओवरब्रिज बनाने के लिए निविदा आमंत्रण सूचना (एनआईटी) भोपाल मुख्यालय भेजी जा चुकी है, आज या कल इसे मंजूरी मिलने की संभावना है।

लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग की चिंता यह बढ़ रही है कि टेंडर जारी करने में जितनी देरी होगी, ब्रिज बनाने में उतनी ही मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। रेलवे की जमीन लेने को लेकर भी अभी स्थिति साफ नहीं हो सकी है। सूत्रों के अनुसार सेतु संभाग के कार्यपालन यंत्री कुलदीप सिंह आज भोपाल में वरिष्ठ अधिकारियों से ब्रिज को लेकर चर्चा करेंगे।

इसमें एनआईटी की स्थिति भी साफ हो सकती है। तत्कालीन शिवराज सरकार ने जुलाई 2023 में फ्रीगंज ब्रिज के लिए 91.78 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी। बाद में ब्रिज की जगह बदलने से नई योजना तैयार की गई। इसी कवायद ने साल गुजर गया। दूसरी ओर चिंतामन ब्रिज के लिए पीडब्ल्यूडी ने 191.77 करोड़ रुपए का टेंडर जारी कर दिया। जल्द ही यह खुल जाएगा और एजेंसी तय कर वर्क ऑर्डर जारी कर दिया जाएगा।

पिछले सिंहस्थ से फ्रीगंज में नया समानांतर ब्रिज बनाने की तैयारी चल रही है, लेकिन इस बार इसका रास्ता साफ हो गया है। अब इसे बंद पड़े बिनोद मिल की तरफ बनाया जाएगा। इसकी डीपीआर तैयार हो चुकी है और पीडब्ल्यूडी ब्रिज ने सारी तैयारी भी कर ली है। एनआईटी की भोपाल मुख्यालय से हरी झंडी मिलने पर टेंडर का प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सिंहस्थ 2028 से पहले इसे बनाने की योजना है, जिससे कि फ्रीगंज के मौजूदा ब्रिज पर ट्रैफिक का दबाव कम किया जा सके। इसे 50 फीट चौड़ा बनाने की योजना है। पहले करीब 40 फीट चौड़ा बनाने की योजना थी।

ट्रैफिक जाम के हालात नहीं बनेंगे। ब्रिज निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग ब्रिज और रेलवे द्वारा किए गए संयुक्त निरीक्षण की रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। रेलवे से नया एस्टीमेट मिलने के बाद रेलवे के हिस्से पर ब्रिज निर्माण शुरू हो सकेगा। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि इसे रेलवे ही बनाएगा या पीडब्ल्यूडी ब्रिज, क्योंकि ब्रिज के नीचे रेलवे फाटक नहीं है।

रेलवे उसी जगह ब्रिज बनाता है, जहां फाटक होता है। प्रस्तावित नई जगह पर रेलवे की लाइन और इलेक्ट्रिक जनरेशन जंक्शन भी है। पीएचई द्वारा पेयजल सप्लाई लाइन को शिफ्ट करने का एस्टीमेट भी दिया जा चुका है। बिनोद मिल तरफ ब्रिज बनाने से इसकी लंबाई कम हो सकती है और लागत भी घट सकती है। पहले ब्रिज की चौड़ाई 12 मीटर प्रस्तावित थी, लेकिन संयुक्त निरीक्षण में चौड़ाई 15 मीटर यानी लगभग 50 फीट करने का निर्णय लिया गया है।

इसलिए गुजर गया साल…

तत्कालीन शिवराज सरकार ने जुलाई 2023 में 91.78 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी।

पीडब्ल्यूडी ब्रिज और रेलवे ने संयुक्त निरीक्षण में इसे दूसरी तरफ बिनोद मिल साइड में बनाने की नई योजना तैयार की।

पहले इंदिरा गांधी प्रतिमा से महापौर बंगले के सामने, लोक निर्माण विभाग और एमपीआरडीसी कार्यालय के ऊपर से सिंधिया स्कूल के सामने से चामुंडा माता मंदिर चौराहे तक बनाने की थी योजना।

अब आगर रोड पर बंद बिनोद मिल के कॉर्नर से यह शुरू होगा। दूसरा सिरा मौजूदा ब्रिज के नीचे मक्सी रोड पर डॉ. भोरास्कर के सामने होगा।

स्वीकृति का इंतजार

फ्रीगंज ओवरब्रिज के समानांतर नया ब्रिज बनाने के लिए काम चल रहा है। इसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। एनआईटी स्वीकृति के लिए भोपाल मुख्यालय भेजी जा चुकी है।-कुलदीप सिंह, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग सेतु

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