अब भी क्लोरीन टेबलेट और ब्लिचिंग से फिल्टर कर रहे गंभीर का पानी
अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। शहर में जलप्रदाय के तीन स्त्रोत हैं। जहां स्टोर बारिश के पानी को प्लांट पर फिल्टर कर घरों तक पानी पहुंचाया जाता है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कुछ माह पूर्व तक पानी फिल्टर करने के लिए क्लोरीन सिलेंडर का उपयोग किया जाता था। ठेकेदार को भुगतान नहीं होने के कारण उसने सप्लाय बंद कर दी। अब विभाग टेबलेट और ब्लिचिंग से पानी फिल्टर कर शहर में जलप्रदाय कर रहा है।
ऐसे होता है शहर में जलप्रदाय
पीएचई द्वारा शहर में जलप्रदाय के लिए गंभीर डेम, उण्डासा तालाब, साहेबखेड़ी तालाब से बारिश के दौरान स्टोर हुए पानी का उपयोग किया जाता है। गऊघाट, अंबोदिया प्लांट पर पानी फिल्टर करने किया जाता है। केमिस्ट द्वारा पानी की टेस्टिंग के बाद पानी शहर की 44 पेयजल टंकियों तक पाइप लाइन के माध्यम से पहुंचाया जाता है।
यह है पानी फिल्टर करने की प्रक्रिया
पानी फिल्टर करने के लिए क्लोरीन सिलेंडर और ब्लिचिंग, एलम का उपयोग पीएचई द्वारा किया जाता था। उक्त सामग्री सप्लाय के लिए विभाग द्वारा वार्षिक ठेका दिया जाता है। पूर्व में इंदौर के ठेकेदार द्वारा सामग्री सप्लाय की जा रही थी। उसका भुगतान विभाग में अटक गया। बार-बार भुगतान की मांग करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उसने सप्लाय बंद कर दिया।
टेबलेट व ब्लिचिंग से शुद्धता की गारंटी कम
क्लोरीन सिलेंडर लिक्विड के रूप में होता है जिसे निश्चित मात्रा में पानी में मिलाने से तुरंत घुलनशील होकर पानी में मौजूद बैक्टिरिया खत्म हो जाते हैं, जबकि टेबलेट से पानी फिल्टर करने पर उसे घुलने में समय लगता है। बैक्टिरिया के पूरी तरह खत्म होने की गारंटी नहीं होती।
इसलिए निकालना पड़ रहे बार-बार टेंडर
पीएचई द्वारा ठेका शर्तों के अनुसार संबंधित को समय पर भुगतान नहीं किया जाता। यही वजह है कि पुराने ठेकेदार ने सप्लाय बंद कर दिया। दूसरे सप्लायर को भी इसकी जानकारी हो गई। यही वजह है कि पीएचई को 5 बार टेंडर निकालने के बाद भी अब तक ठेकेदार नहीं मिल पा रहा है। जलप्रदाय व्यवस्था देखने वाले सहायक यंत्री दिलीप नौघाने बताते हैं कि वर्तमान में क्लोरीन टेबलेट का उपयोग कर पानी फिल्टर करने के बाद शहर में जलप्रदाय कर रहे हैं।