38 करोड़ के तीन प्रस्तावित पुल की वित्तीय स्वीकृति मिली
केडी गेट से गोंसा तक फोरलेन ब्रिज, हेलीपेड से जुड़ेगा मेला क्षेत्र
अंगारेश्वर और सिद्धवट मंदिरों को जोडऩे वाले ब्रिज के लिए बजट मंजूर
तपोभूमि से हामूखेड़ी को जोडऩे के लिए बनेगा टू-लेन ब्रिज
18 को भोपाल में मुख्य सचिव ले सकते अहम बैठक
सुधीर नागर उज्जैन। आने वाले सिंहस्थ से पहले उज्जैन में शिप्रा नदी पर क्राउड कंट्रोल के लिए ब्रिज का नेटवर्क बिछाने की तैयारी कर ली है। वित्तीय समिति की बैठक ने लोक निर्माण विभाग के तीन प्रस्तावित पुलों के लिए 38 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी है। इससे राणोजी की छतरी के सामने गोनसा तक फोरलेन ब्रिज बनने का रास्ता साफ हो गया है। इसमें सिंहस्थ के दौरान सेंट्रल लाइटिंग का भी प्रावधान रहेगा। अंगारेश्वर और सिद्धवट मंदिरों को जोडऩे वाले ब्रिज के लिए भी बजट मंजूर कर दिया गया है। इंदौर रोड पर तपोभूमि को हामूखेड़ी से जोडऩे के लिए टू लेन ब्रिज बनाने के लिए 17 करोड़ 27 लाख रुपए का टेंडर जारी कर दिया गया है।
सिंहस्थ में उज्जैन को पुलों के माध्यम से खुशियां मिलने जा रही हैं। इससे महाकुंभ के दौरान भीड़ नियंत्रण अच्छे से हो सकेगा तो शहर के विकास को भी पंख लगेंगे। लोक निर्माण विभाग के तीन ब्रिज वित्तीय समिति (एसएफसी) में रखे गए थे। समिति ने इनके लिए 38 करोड़ रुपए मंजूर कर दिए हैं। इसके साथ ही पीडब्ल्यूडी ब्रिज विभाग ने टेंडर जारी करने की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार 18 फरवरी को भोपाल में मुख्य सचिव अनुराग जैन भी पर्यवेक्षण समिति की बैठक के सकते हैं। इसमें योजनाओं का अनुमोदन कर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में रखा जाएगा।
वित्तीय समिति से मंजूर पुलों में केडी गेट से गोनसा तक बनने वाले 150 मीटर लंबे ब्रिज को सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह राणोजी की छतरी के सामने से गोनसा तक बनने वाली फोरलेन को जोड़ेगा। गोनसा के पास हेलिपेड भी बनाया जा रहा है। यह ब्रिज फोरलेन होगा और इसकी खासियत यह होगी कि सिंहस्थ के दौरान सेंट्रल लाइटिंग की जा सकेगी और सिंहस्थ बाद दोनों तरफ स्ट्रीट लाइट रहेगी।
यह सबमर्सिबल ब्रिज होगा, यानी शिप्रा में बाढ़ आने पर डूब जाएगा। इस कारण केवल सिंहस्थ के दौरान ही सेंट्रल लाइटिंग होगी। फोरलेन ब्रिज होने से वाहन भी सीधे रानोणो की छतरी तक आ सकेंगे।।इसका उपयोग वीआईपी मूवमेंट के लिए भी किया जा सकेगा। समिति ने पिपलीनाका क्षेत्र में भी ब्रिज निर्माण की मंजूरी दी है।
सिद्धवट और अंगारेश्वर मंदिर ब्रिज से जुड़ेंगे
सिंहस्थ में इस बार प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार बड़ी सौगात यह भी देने जा रही है कि सिद्धवट और अंगारेश्वर मंदिर शिप्रा नदी पर बनने वाले ब्रिज से जुड़ेंगे। वित्तीय समिति ने 38 करोड़ का जो बजट दिया है, उसमें इसे भी शामिल किया है। इससे श्रद्धालु अंगारेश्वर से सिद्धवट तक आसानी से आ जा सकेंगे। इसका भी टेंडर जल्द लागू किया जाएगा।
कर्कराज मंदिर से भूखीमाता तक ब्रिज को जल्द मंजूरी, नृसिंहघाट ब्रिज अब फोरलेन
कर्कराज मंदिर से भूखीमाता मंदिर तक शिप्रा नदी ब्रिज बनाने की योजना भी तैयार है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इसे इसी हफ्ते होने वाली वित्तीय समिति की दूसरी बैठक में रखा जा सकता है। समिति से बजट स्वीकृत होने के बाद टेंडर जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पहले यह काम भी नगर निगम की सौंपा गया था, लेकिन टेंडर लगाने के बाद भी कोई ठेकेदार सामने नहीं आया। नृसिंह घाट पर पिछले सिंहस्थ में बने टू लेन ब्रिज के समानांतर नया ब्रिज बनाया जाएगा, जिससे यह भी फोरलेन हो जाएगा। इसका प्रस्ताव भी एसएफसी में रखा जाएगा।
आज भोपाल में सिंहस्थ तैयारी की बैठक : सिंहस्थ तैयारी को लेकर प्रदेश सरकार एक्टिव मोड में आ गई है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्रपुरी जी के साथ बैठक के बाद कलेक्टर नीरज कुमार सिंह सहित अधिकारी भोपाल में आयोजित बैठक में शामिल होने पहुंचे हैं। बैठक में प्रयागराज महाकुंभ के अनुभव के आधार पर चर्चा कर निर्णय लिए जाएंगे।
वित्तीय समिति से स्वीकृति मिली
यह सही है कि वित्तीय समिति से तीन ब्रिज के लिए 38 करोड़ रुपए के बजट की स्वीकृति मिल गई है। इनके टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जा रही।
पीएस पंत, कार्यपालन यंत्री, पीडब्ल्यूडी
ऐसे मिलेंगी खुशियां
अब लालपुल से सीधे मेला क्षेत्र जा सकेंगे
शिप्रा नदी पर बने लालपुल से पहले भूखीमाता मंदिर की ओर ब्रिज बनाने का प्रावधान। इससे सिंहस्थ में चक्कर काटकर मेला क्षेत्र में जाने की जगह सीधे लोग जा सकेंगे।
छोटी रपट की ऊंचाई बढ़ाकर इसकी चौड़ाई बढ़ाने का प्रस्ताव। इससे घाटी खत्म हो जाएगी।
इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने से शिप्रा नदी पर ब्रिज प्रस्तावित। इसकी योजना अब नगर निगम की जगह पीडब्ल्यूडी बना रहा।
सावराखेड़ी में वाकणकर ब्रिज अब फोरलेन बनाया जाएगा।
मंछामन से दाउतखेड़ी की ओर बन रहे फोरलेन के लिए भी शिप्रा नदी पर ब्रिज बनेगा।
जीवाजी वेधशाला के आगे गऊघाट से सिंहस्थ बायपास को जोडऩे शिप्रा पर ब्रिज बनाने की योजना।