सावधान…व्हाट्सएप पर साइबर ठगों का नया पैंतरा, फोटो से वायरस भेज ठगी

अनजान नंबर से आए फोटो या फाइल को न खोलें, पुलिस की एडवायजरी
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अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। डिजिटल अरेस्ट, फर्जी लिंक, एपीके फाइलें, कॉल पर बातों में उलझाना, ओटीपी, यूपीआई जैसे हथकंडे साइबर ठगों के पुराने हो चुके हैं। जागरूक लोग इनसे सतर्कता बरतने लगे हैं। ऐसे में साइबर ठगों ने अब एक नया पैंतरा सोशल मीडिया पर आजमाया है। यदि सोशल मीडिया यूजर इस पैतरें में फंस जाते हैं तो उनका बैंक अकाउंट खाली होने के साथ ही मोबाइल में वायरस भी पहुंच सकता है।
ऐसे करते हैं फोटो से ठगी
पुलिस ने बताया कि साइबर ठगों द्वारा अनजान नंबरों से लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट व्हाट्सएप पर फोटो भेजे जा रहे हैं। स्लोगन लिखा होता है क्या आप इस व्यक्ति को पहचानते हैं। जैसे ही लोग फोटो खोलते हैं उनका बैंक अकाउंट हैक हो जाता है। स्टेनोग्राफी नामक तकनीक से हैकर्स फोटो में खतरनाक वायरस छुपाते हैं। फोटो खोलते ही वायरस फोन में सक्रिय हो जाता है। बैंक की जानकारी, ओटीपी, यूपीआई और पासवर्ड तक पहुंच बना लेता है। व्यक्ति का फोन हैक हो जाता है, लेकिन उसे पता भी नहीं चलता।
यह रखें सावधानी
अनजान नंबर से आए फोटो या फाइल को न खोलें।
व्हाट्सएप की ऑटो डाउनलोड सेटिंग बंद करें।
अपने फोन और एंटीवायरस को नियमित रूप से अपडेट रखें।
संदिग्ध कॉल या मैसेज को नजरंदाज करें और ब्लॉक करें।
किसी भी ऑनलाइन ठगी की शिकायत 1930 पर करें।
करोड़ों लोग चला रहे सोशल मीडिया एप
देश में करोड़ों लोग एंड्रॉयड मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं। अधिकांश लोग सोशल मीडिया के फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम आदि एप्लीकेशन चलाते हैं। इंटरनेट के माध्यम से चलने वाले उक्त एप्लीकेशन पर साइबर ठगों की नजर रहती है। उनके द्वारा नए नए हथकंडे अपनाकर लोगों के साथ साइबर ठगी करते हुए उनके बैंक खातों से लाखों रुपए की हेराफेरी की जा रही है। कुछ समय पहले तक डिजिटल अरेस्ट के साथ ही अन्य तरीकों से लोगों को ठगा जा रहा था। ऐसी ठगी से बचने का एक मात्र रास्ता है जागरूकता। किसी भी सोशल मीडिया एप्लीकेशन को चलाते समय उससे जुड़ी जानकारी को लेकर एडवांस मोबाइल यूजर सतर्क रहें।
क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट
साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि ठगों द्वारा आए दिन नए नए तरीके अपनाकर लोगों के साथ ठगी की जाती है। कई मामलों में पुलिस ठगों तक पहुंच भी जाती है, लेकिन उनसे रुपयों की रिकवरी बड़ी मुश्किल होती है। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने वालों को ऐसे ठगों से सतर्क रहना जरूरी है क्योंकि सतर्कता ही बचाव है। रिजर्व बैंक का कहना है कि डिजिटल अरेस्ट के लिए फर्जी कॉल पैसे ऐंठने के लिए घोटाले हैं। ऐसी कॉल से सावधान रहें। कभी भी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी का खुलासा न करें। साइबर ठगी का शिकार होने पर 1930 पर मदद के लिए कॉल करें।