सिंहस्थ में ट्रैफिक कंट्रोल के लिए अतिरिक्त पुलिस बल मिलेगा जनता के बीच पुलिस की हमेशा मौजूदगी नजर आना चाहिए

50-50 किलोमीटर पर यातायात चौकी बनाएंगे
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डीजीपी मकवाना ने बैठक में दिए निर्देश
बेहतर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया
बेसिक पुलिसिंग पर विशेष ध्यान देना है
स्कूल-कॉलेज में अभियान चलाए जाएं
अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। मध्यप्रदेश 32वें डीजीपी कैलाश मकवाना ने एक दिसंबर 2024 को चार्ज संभाला। पहली बार उन्होंने संभाग के पुलिस अधिकारियों की बैठक ली। यह बैठक उनके अभियान का हिस्सा थी। अधिकारियों ने बैठक के लिए तैयारी कर रखी थी। सभी के पास पॉवर पाइंट में अपनी प्रगति रिपोर्ट तैयार थी। बड़े अधिकारी जब पहली बार बैठक लें तो अधीनस्थों में कौतूहल और न नजर आने वाला खौफ स्वाभाविक रहता है। लेकिन बैठक शानदार रही।
डीजीपी अच्छे मूड में थे। उन्होंने सभी अधिकारियों को बेहतर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। सिंहस्थ पर विशेष जोर रहा। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बेहद संजीदा हैं। उज्जैन में कई विकास कार्य चल रहे हैं। विकास का यह पहला चरण है। सिंहस्थ २०१६ की व्यवस्था में डीजीपी मकवाना भी शामिल थे।
उन्हें अनुभव है कि सिंहस्थ के दौरान किन चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। लिहाजा उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर बेहतर परिणाम देना है। क्राउड मैनेजमेंट बड़ी चुनौती है। उज्जैन को अतिरिक्त बल मिलेगा। प्रदेश में नए-नए हाई-वे बनते जा रहे हैं। सडक़ें फोरलेन-सिक्सलेन हो रही हैं। ऐसे में हमारी पुलिस चौकियां अंदर की जा रही हैं। इन्हें बाहर की ओर लाना है। प्रत्येक 50-50 किलो मीटर की दूरी पर यातायात चौकियां स्थापित की जाएंगी।
यातायात कॉडर भी बनाएंगे। उद्देश्य यही है कि बेहतर तरीके से टै्रफिक कंट्रोल हो। इसके लिए मुख्यालय हो प्रपोजल बना कर भेजे जाएं। हमें बेसिक पुलिसिंग पर विशेष ध्यान देना है। जनता के बीच पुलिस मौजूदगी नजर आना चाहिए। बेहतर परिणाम देकर जनता का विश्वास जीतना है। मीटिंग के बाद खुश नजर आए पुलिस अधिकारी।
कंट्रोल रूम में हुई डीजीपी की बैठक के बाद सभी पुलिस अधिकारी प्रसन्न नजर आए। उनके चेहरे पर खुशी के भाव थे। जाहिर था कि डीजीपी बैठक में किसी भी मुद्दे पर नाराज नहीं हुए। बल्कि उन्होंने सभी को प्रोत्साहित किया।
साइबर अपराध में बेहतर परिणाम दिए
डी जीपी ने कहा कि साइबर अपराध के क्षेत्र में हमने बेहतर काम किए हैं। इसके परिणाम भी देखने को मिले हैं। अब ऐसे अपराधों में कमी आई है। 8500 जवानों की नई भर्ती हो रही है। नई भर्ती में ऐसे जवान आ रहे हैं जो तकनीकी रूप से दक्ष हैं। कुछ इजीनियरिंग क्षेत्र हैं। हमें साइबर अपराध रोकने में उनके ज्ञान और अनुभव का लाभ लेना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि साइबर अपराधी नए तरीकों से कमाल दिखाएंगे। हमें उनसे आगे की सोच रखना है। इस दिशा में जागरुकता भी जरूरी है। यदि लोग जागरुक होंगे तो साइबर अपराधियों के मंसूबे पूरे नहीं होंगे।
भ्रष्टाचार की जांच में देरी न की जाए
डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि जिन पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं उनकी जांच में देरी न की जाए। जितनी जल्दी हो सके जांच पूरी कर कार्रवाई करें। जो पुलिस कर्मचारी एक ही थाने में चार साल से ज्यादा दिनों से पदस्थ हैं उनके तबादले किए जाएं। एक स्थान पर ज्यादा दिन काम करने से जड़ता आती है। नए थानों में नए साथियों के साथ काम करने का अलग अनुभव और काम में नवीनता भी आती है। उन्होंने कहा कि हमने भोपाल में ई-ऑफिस खोला है। सभी जिला मुख्यालयों पर भी ई-ऑफिस की स्थापना की जाएगी। पुलिस कर्मचारियों को तकनीकी रूप से भी दक्ष करना है।
सर्विस रिकॉर्ड डिजिटलाइज्ड रहेगा
डीजीपी ने कहा कि पुलिस कर्मचारियों का सर्विस रिकॉर्ड डिजिटलाइज्ड किया जा रहा है। ट्रांसफर, प्रमोशन और अन्य रिकॉर्ड ऑन लाइन दिखाई देगा। इससे फायदा यह होगा कि पुलिस अधिकारियों को जरूरत पडऩे पर फाइल टटोलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पूरा रिकॉर्ड कंप्यूटर पर नजर आ जाएगा। जरूरत पडऩे पर मुख्यालय से भी रिकॉर्ड देख लिया जाएग। डीजीपी ने कहा कि हमने नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया। इसमें बड़ी कामयाबी मिली। पिछले छह माह में दस नक्सलियों को हमारी टीम ने मार गिराया। इस अभियान से जनता को राहत मिली है।
अश्लीलता के जनक इंटरनेट और मोबाइल
डीजीपी ने कहा कि बहला-फुसला कर ले जाने की घटनाओं में इजाफे का कारण इंटरनेट और मोबाइल है। इन्हीं की वजह से अश्लीलता बढ़ रही है। बच्चों पर निगरानी रखने की जरूरत है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि यह घटनाएं चिंता का विषय है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए स्कूल-कॉलेजों में जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है। ऐसे अपराध समझाइश और बेहतर शिक्षा से ही रोके जा सकते हैं। सभी मिलकर प्रयास करेंगे तो परिणम बेहतर आएंगे।
उज्जैन की तारीफ की डीजीपी ने
एसपी प्रदीप शर्मा ने जिले की कानून-व्यवस्था और पुलिस द्वारा चलाए गए अभियान को पीपीटी के माध्यम से दिखाया। बताया कि पुलिस ने किस तरह अपराधियों की नाक में नकेल डालने की कोशिश की। तस्करों के खिलाफ की गई कार्रवार्ई और घटित अपराधों का खुलासा। अपराधियों की त्वरित गिरफ़्तारी और ई-समंस तामीली में बेहतर काम किया गया।
डीजीपी ने जिले की कानून-व्यवस्था पर संतोष जताते हुए पुलिस टीम की तारीफ की। ई-समंस तामीली में शाजापुर ने भी बेहतर प्रदर्शन किया। मंदसौर को बेहतर काम करने की सलाह दी गई। बैठक में एडीजी उमेश जोगा, डीआईजी नवनीत भसीन सहित पूरे संभाग के पुलिस अधिकारी मौजूद थे। बैठक के बाद डीजीपी ने कंट्रोल रूम में पौधा भी रोपा।