संवत्सरी कल, एक दिन साधु जीवन में रहेंगे सैकड़ों लोग

पर्युषण पर्व समापन: प्रतिक्रमण में 84 लाख जीवों के प्रति मांगेंगे क्षमा, बारसा सूत्र का वाचन होगा
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। श्वेतांबर जैन समाज के पर्युषण के तहत शनिवार को संवत्सरी पर्व मनाया जाएगा। समाज के सैकड़ों लोग एक दिन के साधु जीवन (पौषध क्रिया) का पालन करेंगे और गर्म जल का उपवास रखेंगे। मंदिरों से चैत्य परिपाटी (सब मंदिर दर्शन) निकलेगी एवं शाम को सामूहिक प्रतिक्रमण में 84 लाख जीवन के प्रति क्षमायाचना की जाएगी।
खाराकुआं स्थित सिद्धचक्र केसरियानाथ महातीर्थ पर चल रहे चातुर्मास अंतर्गत मुनि गोयमचंद्र विजय जी मसा ने मंगलवार को कल्पसूत्र वाचन पूर्ण किया। बुधवार सुबह 9 बजे से वर्ष में एक बार होने वाले बारसा सूत्र का वाचन होगा। श्री ऋषभदेव छगनीराम जी पेढ़ी ट्रस्ट सचिव नरेंद्र जैन दलाल एवं मीडिया प्रभारी डॉ. राहुल कटारिया के अनुसार समस्त श्री पर्व पर सैकड़ों समाजजन साधु जीवन पालन (पौषध क्रिया) करेंगे।
दोपहर में 1 बजे चैत्य परिपाटी निकलेगी एवं शाम को सामूहिक प्रतिक्रमण में 84 लाख जीवों के प्रति क्षमाभाव प्रकट कर समाजजन एक-दूसरे से वर्षभर में जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगेंगे। इसके साथ ही श्वेतांबर जैन समाज के परीक्षण पर्व का समापन होगा। प्रवचन में जयंतीलाल जैन तेलवाला, संजय पावेचा, अशोक हरणिया, अशोक भंडारी, मनोहरलाल जैन आदि मौजूद थे।
दिगंबर जैन समाज के 10 लक्षण पर्व 28 से, क्षमा से शुरू और क्षमा से ही 6 सितंबर को समाप्त होंगे
दिगंबर जैन समाज के 10 लक्षण (पर्युषण) पर्व 28 अगस्त से प्रारंभ होकर 6 सितंबर को समाप्त होंगे। 10 दिवसीय पर्व 16 दिगंबर जैन मंदिरों में धूमधाम से मनाया जाएगा। महावीर मंदिर लक्ष्मीनगर में चातुर्मास के लिए संतश्री प्रणुत सागर विराजित हैं। इनके सान्निध्य में धार्मिक आयोजन होंगे। 10 लक्षण पर आधारित कार्यक्रम रोज होंगे। शुरुआत उत्तम क्षमा से होगी। क्षमापण पर्व मनेगा।
दशलक्षण धर्म के अनुसार जीवन में सुख-शांति के लिए उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव, सत्य, शौच, संयम, तप, त्याग, अकिंचन और ब्रह्मचर्य दशलक्षण धर्मों का पालन हर मनुष्य को करना चाहिए। इन्हीं पर आधारित यह पर्व है। 10 दिनों तक त्याग, तपस्या, साधना, ध्यान, पूजा-पाठ एवं धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।