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छोटा पुल टूटने से रामघाट पर स्नान के लिए आए श्रद्धालु भटके

कार्तिक पूर्णिमा पर दत्तअखाड़ा घाट पर ज्यादा भीड़ रही, मेले में जाने का रास्ता तलाशते रहे

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अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। कार्तिक पूर्णिमा पर बुधवार को शिप्रा नदी पर हजारों लोग स्नान के लिए पहुंचे। खासकर ग्रामीण अंचल से आए श्रद्धालु छोटा पुल टूटने के कारण कार्तिक मेला और रामघाट के बीच आने-जाने के लिए काफी परेशान हुए। किसी ने बड़े पुल का सहारा लिया तो किसी ने दत्त अखाड़ा घाट पर ही स्नान कर लिया। पुल बंद होने से स्नान के बाद घाट से बाहर जाने के लिए श्रद्धालु परेशान हुए। वैकल्पिक मार्ग की जानकारी देने के लिए प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।

कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के लिए रात से ही काफी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन आ चुके थे। बुधवार सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ शिप्रा किनारे पर मौजूद थी। मोक्षदायिनी शिप्रा में स्नान का सिलसिला सुबह से लगातार जारी है। रामघाट, नरसिंह घाट और दत्त अखाड़ा घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली।

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श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से रोकने के लिए एसडीईआरएफ और होमगार्ड के जवानों को भी लगाया गया है। पंडित अजय जोशी ने बताया कि कार्तिक मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। यहां पर सुबह से ही श्रद्धालु काफी संख्या में मौजूद हैं। सुबह ९ बजे तक करीब ५० हजार से ज्यादा लोग स्नान कर चुके थे। शाम को यहां दीपदान होगा। पूर्णिमा की शाम को नदियों में दीपदान करने से यम की यातना से मुक्ति मिलती है, ऐसी मान्यता है।

परपंरागत रास्ता बंद होने से भ्रम

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रामघाट पर स्नान और कार्तिक मेला में जाने के लिए छोटे पुल का परंपरागत मार्ग इस बार बंद था। इस कारण ग्रामीण क्षेत्र के लोग भटकते रहे। ऐसे में कई लोग कार्तिक मेला की ओर नहीं जा सके या फिर लंबा रास्ता तय कर बड़े पुल से होकर गए। वहीं रामघाट नहीं आ सके लोगों ने दत्त अखाड़ा पर ही स्नान किया। छोटी रपट के बारे में कम लोगों को ही जानकारी थी। वैकल्पिक मार्ग की जानकारी देने के लिए प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था भी नहीं थी।

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