नागदा में बनेगा रेल बायपास, कोटा-दिल्ली जाने के लिए नहीं बदलना पड़ेगा इंजन

30 मिनट से 2 घंटे तक का समय बचेगा, नई ट्रेन चलने की संभावनाएं बढ़ीं
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सिंहस्थ को देखते हुए रेलवे ने दी मंजूरी
390.36 करोड़ की लागत से होगा काम
13.70 किलोमीटर होगी बायपास की लंबाई
भाटीसुड़ा स्टेशन से रोहलखुर्द तक लाइन
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। कोटा-दिल्ली की तरफ नागदा से जाने वाले यात्रियों को जल्दी ही ट्रेन का इंजन बदलने से राहत मिलने वाली है। सिंहस्थ- 2028 में इस रूट से आने वाली ट्रेनों को सीधे उज्जैन लाने और यहां से वापस ले जाने के लिए रेल बायपास बनाने की योजना को रेलवे ने मंजूरी दे दी है। 390 करोड़ की लागत से यह काम किया जाएगा। रेल बायपास बनने से नागदा रेलवे स्टेशन पर इंजन बदलने की जरूरत नहीं होगी और ट्रेन सीधे कोटा रूट पर चली जाएगी।
इंदौर-उज्जैन से नागदा के रास्ते करीब 30 से ज्यादा ट्रेनें कोटा-नईदिल्ली की तरफ जाती हैं। इन ट्रेन के यात्रियों को नागदा रेलवे स्टेशन पर काफी समय तक इंतजार करना पड़ता है। इसकी वजह होती है इंजन बदलना। उज्जैन रूट से गई ट्रेन का इंजन नागदा में कटकर रिवर्स होकर वापस लगता है और फिर कोटा की तरफ जाता है। इंजन बदलने की इस प्रक्रिया में 30 से 120 मिनट का समय लगता है। चूंकि सिंहस्थ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन आएंगे और नागदा स्टेशन पर उन्हें ज्यादा समय नहीं रुकना पड़े, इसके लिए रेलवे सिंहस्थ बायपास योजना पर काम कर रहा है।
क्यों जरूरी
सिं हस्थ-2028 में 30 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है। माना जा रहा है कि 10 करोड़ यात्री रेल के जरिये उज्जैन पहुंचेंगे। इनमें से भी बड़ी संख्या यूपी, राजस्थान और बिहार के श्रद्धालुओं की होगी। यह यात्री उज्जैन तक आने के लिए दिल्ली रूट का इस्तेमाल करेंगे। ऐसे में यह रेल बायपास ज्यादा यात्रियों को लाने में मददगार होगा।
क्या है योजना
390.36 करोड़ की लागत से नागदा बायपास लाइन बनाई जाएगी। यह लाइन उज्जैन-नागदा रेलवे ट्रैक के भाटीसुड़ा रेलवे स्टेशन से नागदा-कोटा रूट के रोहलखुर्द स्टेशन को जोड़ेगी। दोनों के बीच की दूरी 13.70 किलोमीटर रहेगी।
क्या होगा फायदा
इस रेलवे बायपास के बनने के बाद दिल्ली, मथुरा, कोटा के रास्ते से आने वाली ट्रेन को नागदा नहीं जाना होगा, वह बाहर के बाहर उज्जैन-इंदौर की तरफ आ जाएंगी। इस तरह नागदा रेलवे स्टेशन पर इंजन बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी और समय की बचत होगी। इस प्रक्रिया से यात्री का आधे से दो घंटे का समय बचेगा।
इंदौर- उज्जैन से चलेंगी नई ट्रेन
नया रेल बायपास बनने से उज्जैन-इंदौर से कोटा, जयपुर, मथुरा और नई दिल्ली के लिए नई ट्रेन चलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
नए बायपास की मंजूरी मिल गई है
सिंहस्थ-2028के तहत भाटीसुडा से रोहलखुर्द तक 13.70 किलोमीटर लंबे रेल बायपास की मंजूरी मिल गई है। इसके बनने से नागदा रेलवे स्टेशन पर इंजन बदलने की जरूरत नहीं होगी।
खेमराज मीणा
पीआरओ, रतलाम मंडल









