शिप्रा के पश्चिम तट के घाटों को जोड़ेगा एमआर-22

193.3 करोड़ की लागत वाली 30 मीटर चौड़ी रोड से होगी सुविधा
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उज्जैन। सिंहस्थ-2028 के निर्माण कार्यों ने गति पकड़ ली है। शिप्रा तट पर बनने वाले 29 किलोमीटर लंबे घाटों को जोडऩे के लिए पश्चित तट पर ३० मीटर चौड़ी सडक़ बनाई जाएगी। इससे श्रद्धालुओं को घाटों पर पहुंचने में आसानी होगी। 193.3 करोड़ रुपए से बनने वाली यह सडक़ शनि मंदिर के पास से शुरू होगी और कार्तिक मेला मैदान से होते हुए सिद्ववट के पास उन्हेल बायपास जाएगी। प्रशासनिक स्तर पर इस सडक़ को एमआर-22 नाम दिया गया है। यह सिक्सलेन सडक़ होगी और शिप्रा के समानांतर चलेगी। हालांकि घाटों से इसकी दूरी करीब 200 मीटर दूर होगी।
सिंहस्थ में उपयोगी होगा मार्ग
ए मआर-22 बनने से उज्जैन के पश्चिम भाग के तेजी से विकसित होने का रास्ता साफ हो जाएगा। इंदौर रोड पर शिप्रा नदी के पास शनि मंदिर से शुरू होकर बनने वाला यह मार्ग जीवनखेड़ी, भूखीमाता, दत्ता अखाड़ा जोन, सदावल, कालभैरव और सिद्धवट क्षेत्र को जोड़ेगा। इस तरह इंदौर रोड से होते हुए आगर रोड तक जाना सुलभ हो जाएगा। मेले के बाद भी यह सडक़ बेहद काम की होगी और एक नया बायपास शहर को मिल जाएगा। अभी जमींदोज शांतिपैलेस चौराहे के पीछे से 14 किलोमीटर लंबा बायपास इंदौर रोड को बडऩगर और उन्हेल रोड से जोड़ता है। नए रोड से इसका एक और विकल्प मिल जाएगा। सिंहस्थ में यह मार्ग बेहद काम का होगा।
क्यों है जरूरत सडक़ की
दरअसल सिंहस्थ 2028 में प्रशासन 30 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगा रहा है। माना जा रहा है कि मेले के पर्व और राजसी स्नान वाले दिन 1 करोड़ तक श्रद्धालु रहेंगे। इतने श्रद्धालुओं को स्नान करवाना और सुरक्षित निकालना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी। इसके तहत ही शिप्रा के दोनों किनारों पर 29 किलोमीटर लंबे घाट बनाए जा रहे हैं। इन घाटों तक पहुंचने के लिए ही यह सडक़ बनाई जा रही है। प्रशासन ने एमआर-22 की टेंडर प्रक्रिया के साथ ही मार्ग का सर्वे शुरू कर दिया। कार्य की गुणवत्ता और समय को देखते हुए सडक़ बनाने की जिम्मेदारी उज्जैन विकास प्राधिकरण को दी गई है। एमआर-22 की टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है।








