भस्मार्ती और शयन आरती अपने निर्धारित समय पर ही होगी
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा (१५ मार्च) से भगवान महाकाल की दिनचर्या बदलने के साथ आरतियों का समय भी बदल जाएगा। मंदिर की पूजन परंपरा में इस दिन से गर्मी की शुरुआत मानी जाती है इसलिए बाबा महाकाल को ठंडे जल से स्नान करवाया जाएगा। यह क्रम शरद पूर्णिमा तक चलेगा।
इस दौरान प्रतिदिन होने वाली पांच आरतियों में से तीन का समय भी बदल जाएगा। जिसके तहत दद्योदक आरती अब सुबह 7 से 7.45 बजे तक, भोग आरती सुबह 10 से 10.45 बजे तक और संध्या आरती शाम 7 से 7.45 बजे तक होगी, जबकि वर्तमान में दद्योदक आरती सुबह 7.30 बजे से 8.15 बजे तक, भोग आरती 10.30 से 11.15 बजे तक और संध्या आरती 6.30 से 7 बजे तक हो रही है। भस्मार्ती तडक़े 4 से 6 बजे तक और शयन आरती रात 10.30 से 11 बजे तक अपने पहले के समय पर ही होगी।
13 को होगा होलिका दहन
इधर, श्री महाकालेश्वर मंदिर में सबसे पहले 13 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। मंदिर परंपरा के अनुसार संध्या आरती के बाद ओंकारेश्वर मंदिर के सामने पुजारी एवं पुरोहित होलिका पूजन और दहन करेंगे। 14 मार्च को सुबह 4 बजे भस्मार्ती में पुजारी-पुरोहित बाबा महाकाल को गुलाल लगाएंगे।