आचार्य विशुद्ध सागर महाराज ससंघ का मंगल प्रवेश कल

सुबह 6.30 बजे सिंधी कॉलोनी से प्रारंभ होगा
उज्जैन। संयम, साधना और चारित्र के पवित्र स्तंभ, तप के तेजस्वी सूर्य, निर्ग्रन्थ मुनि, पट्टाचार्य पद विभूषण आचार्य विशुद्ध सागर महाराज का ससंघ (30 पिच्छी सहित) नगर में प्रथम मंगल प्रवेश 11 मई को होगा।
अनिल गंगवाल ने बताया सुमति धाम, इंदौर में आयोजित पट्टाचार्य पदारोहण समारोह में पट्टाचार्य पद से अलंकृत होकर अब वे प्रथम बार उज्जैन में धर्मप्रवर्तन यात्रा करते हुए आ रहे हैं। सुबह 6:30 बजे सिंधी कॉलोनी से प्रारंभ होकर जुलूस टॉवर, चामुंडा माता चौराहा, कोयला फाटक, निजातपुरा, बियाबानी, वीडी मार्केट चौराहा होते हुए कालिदास मांटेसरी स्कूल, तेलीवाड़ा पहुंचेगा। यह श्रीसंघ यात्रा बैंड, ढोल, घोड़ों व पुष्पवर्षा के साथ निकाली जाएगी।
इसमें जैन समाज के साथ अनेक अनुयायी, ब्रह्मचारी व तपस्वी शामिल होंगे। तेलीवाड़ा पहुंचने पर प्रथम पाद प्रक्षालन, श्रीफल अर्पण तथा आचार्यश्री की देशना (धर्मोपदेश) का आयोजन होगा। देशना के माध्यम से गुरुदेव आत्मा को संयम की दिशा, सम्यक दर्शन, ज्ञान, चारित्र, और मोक्षमार्ग का प्रकाश देंगे। देशभर से आए श्रावक-श्राविकाएं, आराधक, एवं अनेक त्यागी व्रतधारी के साथ-साथ शहर के सभी जिनालयों के ट्रस्टी इस अवसर पर गुरुदेव को ग्रीष्म कालीन देशना के लिए निवेदित करते हुए श्रीफल भेंट करेंगे