जिला अस्पताल की सभी बिल्डिंग जमींदोज मेडिसिटी का काम तेज, पिलर उठने लगे

जेसीबी की मदद से तेजी से हटाया जा रहा मलबा

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। 592.30 करोड़ रुपए से बनने वाली मप्र की पहली और देश की दूसरी मेडिसिटी का काम इन दिनों तेजी से किया जा रहा है। जिला अस्पताल की सभी बिल्डिंग को तोडक़र वहां से काफी हद तक मलबा हटा दिया गया है जो बचा है उसे भी जेसीबी की मदद से तेजी से हटाया जा रहा है। परिसर के कई पेड़ों को भी काट दिया गया है। पिछले दिनों वहांं लेआउट डालकर उसके मुताबिक खुदाई की जा रही थी जो पूरी हो गई है। अब नींव भरने का काम किया जा रहा है।

दरअसल, पिछले साल 21 नवंबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहर को 592.3० करोड़ रुपए की मेडिसिटी एवं शासकीय मेडिकल कॉलेज की सौगात देते हुए इसका भूमिपूजन किया था। इस योजना के तहत नए अस्पताल, कॉलेज और हॉस्टल का निर्माण किया जा रहा है। योजना के अनुसार इसे 14.97 एकड़ में बनाया जाएगा।

शहर में बनने वाली यह मेडिसिटी 550 बेड की क्षमता वाला एक अत्याधुनिक अस्पताल होगा। जहां150 मेडिकल स्टूडेंट्स को चिकित्सा शिक्षा देने के साथ ही 24 घंटे आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही जनरल और सुपर स्पेशलिटी ओपीडी भी होंगे। मेडिसिटी में सुपर स्पेशलिटी और मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल, डायग्नोस्टिक सेंटर, फॉर्मेसी, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान केंद्र, वेलनेस केंद्र, आयुष अस्पताल, पैरामेडिकल कॉलेज, एकीकृत स्वास्थ्य सेवाएं, ईको-फ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा देने वाली सुविधाएं भी होंगी।

हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार: यह मेडिसिटी शहर और आसपास के इलाकों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगी। इससे हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। यह परियोजना राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी।

इधर, हॉस्टल के लिए खड़े हुए पिलर
इधर, जिला अस्पताल के सामने हॉस्टल का काम भी काफी रफ्तार से चल रहा है। नींव भरकर उस पर पिलर भी खड़े कर दिए गए हैं। अब दूसरा काम किया जा रहा है। सिंहस्थ 2028 से पहले इसे पूरा करने की डेडलाइन के चलते तेजी से काम हो रहा है।

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