इस बार मप्र सरकार उठा सकती बड़ा कदम
हाउसिंग बोर्ड ने कॉलोनी विकसित कर दी पर कागजों में जमीन सिंहस्थ के नाम
अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। महाकाल नगरी उज्जैन में शिप्रा तट पर आयोजित होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ के साथ एक बड़ी विसंगति यह भी जुड़ी हुई है कि 45 साल बाद भी जिस जमीन पर नगर बस गया, वह राजस्व रिकॉर्ड में सिंहस्थ के उपयोग की मानी जाती है। उज्जैन में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा की उपस्थिति में इस मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है। संभावना है कि प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार इस मामले में कोई निर्णय ले सकती है।
दरअसल, सिंहस्थ के लिए सरकार जमीन अधिसूचित करती है लेकिन कागजी आंकडं़े जमीनी धरातल पर इसलिए बिगड़ जाते हैं, क्योंकि सिंहस्थ के उपयोग की अधिकतर जमीन पर निर्माण हो चुके हैं। आगर रोड स्थित इंदिरा नगर की जमीन 1980 में अधिसूचित हुई थी। राजस्व रिकॉर्ड में आज भी यह जमीन सिंहस्थ उपयोग की दर्शाई जाती है।
जबकि इस पर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी विकसित कर चुका है। इसके अलावा नृसिंह घाट क्षेत्र में भी साधु संतों के पक्के निर्माण हो चुके हैं। यह स्थिति हाल ही में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह सहित सभी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण में भी सामने आई है। इस कारण साधु संतों के अनुरोध पर 45 साल से जो जमीन सिंहस्थ क्षेत्र में अधिसूचित की जा रही है, उसे सिंहस्थ क्षेत्र से अलग करने की पेशकश अपर मुख्य सचिव के सामने रखी जा सकती है। अगर इस मामले को गंभीरता से लिया गया तो सरकार के समक्ष यह प्रस्ताव रखा जा सकता है ताकि बरसों से चली आ रही बड़ी विसंगति को दूर किया जा सके।
या तो इनको तोड़ दो या छोड़ दो…
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने डॉ. राजौरा की बैठक से पहले शनिवार सुबह सिंहस्थ क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं। महंत डॉ. रामेश्वरदास और भगवानदास ने मौके पर सिंहस्थ क्षेत्र की इस विसंगति को बताते हुए कहा था या तो मकानों को तोड़ दो या सिंहस्थ क्षेत्र से छोड़ दो क्योंकि जब भोपाल में अधिसूचना बनती है तो क्षेत्रफल तो बड़ा दिखाई देता है लेकिन मौके पर जगह कम रहती है। संतों के इस आग्रह के कारण भी सिंहस्थ तैयारी की बैठक में इस मुद्दे को रखा जा सकता है।
दो बड़े संयोग
मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उज्जैन के हैं और वे स्वयं इस विसंगति को जानते हैं।
अपर मुख्य सचिव डॉ. राजौरा सिंहस्थ 2004 में कलेक्टर रह चुके हैं।
कल होगी संभागीय समीक्षा
सांसद और विधायक भी रहेंगे साथ डॉ. राजोरा 3 फरवरी को उज्जैन संभाग के सभी कलेक्टर्स एवं संभाग के सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की संयुक्त बैठक दोपहर में कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में लेंगे। इस बैठक में संभाग स्तरीय विकास कार्यो की समीक्षा की जाएगी। बैठक में संभाग के सभी सांसदों,विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है।
सिंहस्थ क्षेत्र की विसंगति खत्म की जाए
यह सही है कि आगर रोड पर इंदिरा नगर जैसी कॉलोनियों की जमीन सिंहस्थ क्षेत्र की है जबकि अब इस जमीन पर सिंहस्थ का आयोजन हो ही नहीं पाता है। यह विसंगति कलेक्टर और अधिकारियों को बताई है।महंत डॉ. रामेश्वरदास