बीआई की गैंग का आतंक दुकानदार का सामान फेंका

पुलिस की मौजूदगी में ही जो बीच में आया उसे धक्का दिया
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गैंग का नेतृत्व निगम के मेश्राम ने किया दुकानदार के खिलाफ कोई नोटिस नहीं था
पुलिस का प्रभाव नहीं पड़ा निगम गैंग पर आधा सामान फेंकने के बाद गैंग रवाना
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। नगर निगम के बिल्डिंग अफसर मुकुल मेश्राम ने टीम बनाई और पहुंच गए फ्रीगंज के भगत जी मार्केट। जो रास्ते में आया वो धकियाया गया। सूचना पर माधव नगर पुलिस आई लेकिन उसका भी खौफ नहीं। दुकानदार बोल रहा साहब, थोड़ा वक्त तो दीजिए। बारिश में सामान खराब हो जाएगा। आधा समान बाहर फेंकने के बाद नगर निगम की टीम चली गई। दुकान पर ताला ठोंक दिया गया। माधवनगर थाना में शिकायत दे दी गई है। अब फरियादी कलेक्टर से गुहार लगाएगा।
दोपहर तीन बजे आई नगर निगम की गैंग
फ्रीगंज स्थित भगतजी मार्केट में कृष्ण कुमार सोनी की स्टेशनरी की दुकान है। १९८५ में दुकान की स्थापना हुई। कुछ दिनों पहले इस दुकान को गोडाउन बना लिया गया। शुक्रवार दोपहर नगर निगम की गैंग ने आकर गोडाउन में रखा स्टेशनरी का सामान फेंकना शुरू कर दिया। विजय सोनी का कहना है कि हमने कारण पूछा तो जवाब मिला कि ऊपर से आदेश आए हैं, खाली करो। सवाल किया गया कि कोई नोटिस तो दिखाइए। गैंग वाले बोले, हमें अपना काम करने दो। विजय ने बताया कि उन्हें धक्का देकर गिरा दिया।
मुझे भी धक्का देकर गिराया, यह शुद्ध दादागिरी है
नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश चित्तौड़ा ने बताया कि नगर निगम की गैंग विजय सोनी की दुकान पर आतंक मचा रही थी। मुझे सूचना मिली कि गैंग के पास किसी का नोटिस नहीं है। चित्तौड़ा कहा कहना है कि वे मौके पर गए और गैंग के सदस्यों से बात की। किसी ने ठोस जवाब नहीं दिया बल्कि मुझे भी धक्का दे दिया मैं पीछे की तरफ जाकर गिरा। उन्होंने कहा कि यदि मकान-मालिक किराएदार का विवाद होता तो कोर्ट का नोटिस तो होता। उनके पास कोई कागज नहीं था। समझ में नहीं आ रहा था कि यह किसके आदेश पर हुआ।
सवाल जिनका जवाब बिल्डिंग इंस्पेक्टर को देना है
नगर निगम गैंग के साथ बिल्डिंग इंस्पेक्टर मुकुल मेश्राम भी थे। सवाल यह कि किसके आदेश पर सामान फेंकने गए?
मकान मालिक-किराएदार का विवाद होता तो कोर्ट से नोटिस जारी होता है। क्या नगर निगम के पास नोटिस है?
जब किराएदार ने कारण पूछा और कागज मांगा तो दिखाया क्यों नहीं?
बगैर किसी दस्तावेज के किसी दुकानदार का सामान फेंकना किस नियम के तहत आता है?
यदि मकान मालिक और किराएदार का विवाद होता है तो क्या नगर निगम की टीम इस सामान फेंकने जाती है?
मैं आपको थोड़ी देर बाद लगाता हूं: मेश्राम
नगर निगम के बिल्डिंग इंस्पेक्टर और दुकानदार का सामान फेंकने वाली टीम का नेतृत्व करने वाले मुकुल मेश्राम को दो बार फोन लगाया गया। दूसरी बार में उन्हें मामला बताया गया। वे बोले, मैं आपको थोड़ी देर में लगाता हूं। बाद में उनका फोन नहीं आया।
हमारा मकान मालिक से कोई विवाद नहीं है
जय सोनी ने बताया कि हमारा मालिक से कोई विवाद नहीं है। आज तक किसी भी प्रकार का नोटिस नहीं मिला। जब नगर निगम की गैंग आतंक मचा रही थी तब भी मकान मालिक की ओर से कोई नहीं आया, जबकि उनका परिवार ऊपर ही रहता है। जय ने यह भी बताया कि पड़ोस की दुकान अनिक ट्रेडर्स को लेकर पिछले दिनों एसडीएम कार्यालय से कोई नोटिस जारी हुआ था। हो सकता है कि नगर निगम की टीम वहां कार्रवाई के लिए आई हो, लेकिन उस समय उस दुकान पर ताला लगा हुआ था। गफलत में हमारा सामान फेंका हो।