कुछ वर्ष पहले सुबह 4 बजे उठकर बडऩगर रोड स्थित धरमबड़ला तक जाते थे
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। 70 वर्ष की उम्र होने के बावजूद प्रतिदिन 12 से 15 किलोमीटर पैदल भ्रमण करते हैं और यह क्रम विगत 35 वर्षों से बना हुआ है। कुछ वर्ष पहले स्थिति यह थी कि सुबह 4 बजे उठकर गोपाल मंदिर, दानीगेट, शिप्रा पुल होते हुए बडऩगर रोड स्थित धरमबड़ला तक जाते थे। हालांकि पहले 25 से 30 किलोमीटर पैदल चलते थे, लेकिन अब अधिक उम्र होने से 12 से 15 किलोमीटर पैदल चलते हैं। समाजसेवी एवं पूर्व पार्षद बालकृष्ण यादव (बी.के. यादव) मानते हैं कि स्वास्थ्य के लिए पैदल भ्रमण करना बहुत जरूरी है।
निकास चौराहा, बुधवारिया निवासी समाजसेवी यादव बालू भैया के नाम से जाने जाते हैं। इनका कहना है कि कई वर्ष पहले जब मैं सुबह 4 बजे उठने के बाद बडऩगर रोड स्थित धरमबड़ला तक दौड़ लगाकर पहुंचता था। तब सुगनबाई अपने खेत पर दिखती थी। उस दौरान सुगनबाई के खिलाफ उज्जैन के कुछ युवकों की हत्या के मामले में प्रकरण दर्ज हुआ था।
पाचन क्रिया ठीक रहती है
यादव का कहना है कि पैदल भ्रमण करने से पाचन क्रिया ठीक रहती है और भूख बराबर लगती है। इसके अलावा नींद भी अच्छी आती हैं, क्योंकि अच्छी नींद आने के लिए शरीर में थकान जरूरी है। यदि हम पैदल चलेंगे तो इससे हमारी पाचन शक्ति ठीक नहीं रहेगी। शरीर के लिए व्यायाम जरूरी है और पैदल चलने से अच्छा व्यायाम हो जाता है।
सिद्धवट, मंगलनाथ तक करते हैं भ्रमण
इस उम्र में भी यादव स्वयं को स्वस्थ महसूस करते हैं और इसका श्रेय प्रतिदिन पैदल भ्रमण करना मानते हैं। वर्तमान समय में प्रतिदिन सिद्धवट और मंगलनाथ तक दोनों समय भ्रमण करते हैं। इस प्रकार लगभग 12 से 15 किलोमीटर का सफर हो जाता है। इनका कहना है कि युवाओं को प्रतिदिन कुछ पैदल चलना चाहिए। कई मार्ग ऐसे हैं जहां सुबह और शाम लोग भ्रमण के लिए निकलते हैं, यह देखकर मुझे खुशी होती है। यादव किसी काम से भी बाजार जाते हैं तो वाहन के बजाय पैदल जाना पसंद करते हैं।