कलेक्टर की सख्ती के बाद हरकत में आया खाद्य एवं सुरक्षा विभाग, अब बरामदगी शुरू

By AV NEWS

व्यापारियों को पता है कि आगे क्या होना है इसलिए कार्रवाई का कोई भय नहीं

सैंपल की रिपोर्ट महीनों नहीं आती, तब तक खप जाता है मिलावटी माल

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। खाद्य सुरक्षा विभाग ने शहर में हमेशा की तरह अभियान चलाया। पदार्थों में मिलावट करने वालों में कोई हलचल नहीं हुई। कोई दुकान बंद नहीं हुई। किसी का कारोबार प्रभावित नहीं हुआ, जबकि विभाग द्वारा लगातार सैंपल लिए जा रहे थे। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह की सख्ती के बाद विभाग हरकत में आया और ताबतोड़ कार्रवाई शुरू हुई। जब्ती के साथ बरामदगी भी शुरू हो गई। नकली मिल्क केक भी बरामद हो गया।

जांच करने वाली टीम ने पांडयाखेड़ी स्थित भगवती डेयरी एंड स्वीट्स एवं मक्सी रोड स्थित सोनू रेस्टारेंट से मिल्क केक के सैंपल लिए। सोनू रेस्टारेंट से नकली मिल्क केक बरामद किया गया। यह सॉलिड मिल्क एवं पॉमलिन आयल से बनाया गया था। हकीकत यह है कि मिल्क केक दूध और शकर से बनाया जाता था। इन दोनों दुकानों से घरेलू गैस सिलेंडर भी जब्त किए। इसी प्रकार लक्ष्मी किराना स्टोर से बेसन का सैंपल लिया।

नमकीन में मिलावट पकड़ कर बताएं

बाजार में नमकीन के भाव एक जैसे नहीं हैं। सेव में बेसन, मसाले और तेल का प्रयोग होता है। भाव १३० से ३०० तक हैं। कुछ नमकीन वालों ने क्वालिटी से समझौता नहीं किया। यहां सिंहस्थ के समय कलेक्टर कवींद्र कियावत थे। नमकीन वाले भाव बढ़ाने के लिए उनसे मिलने गए। वे बोले, भोपाल जा रहा हूं लौटने पर बात करेंगे। कलेक्टर के जाते ही भाव बढ़ा दिए गए। कलेक्टर भोपाल गए और इधर भाव बढ़ा दिए गए। कलेक्टर आते ही आगबबूला हुए। जबरदस्त कार्रवाई हुई। नमकीन की दुकानें बंद हो गईं। बढ़े हुए भाव तो कम हुए, जो भाव पहले से थे उसमें भी बीस रुपए कम हो गए। इसे कहते हैं कार्रवाई। खाद्य एवं सुरक्षा विभाग जो कार्रवाई कर रहा है उसका कोई असर नहीं है। व्यापारियों को पता है कि आगे क्या होगा।

उन्हेल और नागदा गढ़ है मावे का

मावे की बात करें तो उन्हेल और नागदा-खाचरोद को मावे का गढ़ माना जाता है। उज्जैन में मावा वहीं से आता है। सबसे बड़ी कार्रवाई भी वहीं हुई थी। आज तक सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई है। शुद्ध घी के भाव भी बाजार में एक जैसे नहीं हैं। विभाग आज तक यह नहीं बता सका कि फलां दुकान पर घी सस्ता और महंगा क्यों बिक रहा है।

बाजार में मिर्ची के भाव देखिए

मिलावट का उदाहरण देखना है तो मिर्ची बाजार जाइए। यहां मिर्ची के अलग-अलग भाव मिलेंगे। आपकी संतुष्टि के लिए बताया जाएगा कि यह मिर्ची बेडिय़ा की है, यह खरगौन की है। यह पटना की है। कोई मिर्ची तेज रहती है और कोई कम तेज रहती है। आप दुकानदार से बोलिए, मिर्ची ऐसी दीजिए जिससे सब्जी की तरी-रशा बढिय़ा बने। दुकानदार आपकी बात समझ जाएगा और आपको रंग में मिश्रित मिर्ची दे देगा। यह सैंपल लेने वालों को नजर नहीं आता। यही हाल धनिया, हल्दी और बेसन का है।

मावा इतना सस्ता क्यों?

बाजार में मावा 260 रुपए प्रतिकिलो तक बिक गया। हिसाब लगाइए कि एक लीटर दूध से कितना मावा बनेगा। दूध का भाव क्या है। सांची का दूध 64 रुपए लीटर है। एक लीटर दूध से 250 ग्राम मावा बनता है। सोचिए एक किलो मावे में कितना दूध लगेगा। जो व्यापारी मावा बना रहा है उसे कितना लाभ हो रहा है। बाजार में वही मावा व्यापारी बेच रहा है तो उसे कितना लाभ हो रहा है। गणित निकालेेंगे तो पता चल जाएगा कि मावे के क्या हाल हैं।

सबसे बड़ी कार्रवाई तब हुई थी

मई 2023 में तत्कालीन कलेक्टर की सख्ती के बाद टीम उन्हेल में छापे मारे। नतीजा यह निकला कि चकरावदा के पास 1260 किलो मावा एक गड्ढे में पड़ा मिला। यह मावा क्षेत्र के कई गांवों से लाया गया था। आज तक पता नहीं चला कि मावा किसने फेंका। जानकारी के अनुसार बिबियाखेड़ी में सड़क के किनारे एवं गांव में कई कारखाने हैं जहां मावा बनाया जाता है।

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