देखरेख के अभाव में चामुंडा माता चौराहा स्थित पालकी उद्यान जर्जर होकर खो रहा अपनी पहचान
अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। शहर के सबसे व्यस्ततम चौराहों में से एक चामुंडा माता चौराहा स्थित पालकी उद्यान देखरेख के अभाव में अपनी पहचान खोता जा रहा है।
उद्यान में लगे फव्वारे लंबे समय से बंद हैं। आसपास लगी रैलिंग का कुछ हिस्सा टूट चुका है तो कई जगह से टाइल्स भी उखड़ गई हैं। हद तो तब हो गई जब यहां लगे पुतले ही नदारद हो गए। इसके अलावा लाइटिंग बंद होने से बगीचे का आकर्षण भी खत्म हो गया। आसपास भिखारी डेरा डाले रहते हैं। लोग अब अंदर बाइक धो रहे हैं। स्थिति यह है कि पालकी उद्यान की ऐसी हालत के बाद भी नगर निगम की ओर से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
दरअसल, नगर निगम ने वार्ड क्रमांक 18 में स्थित चामुंडा माता मंदिर के सामने रोटरी की जगह पर पालकी उद्यान विकसित किया था। इसमें बाबा महाकाल की पालकी ले जाते कहार, योग करते पुतले, फव्वारे के साथ ही आकर्षक लाइटिंग भी की गई थी जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहे थे।
रात होते ही यह काफी आकर्षक लगता था और शहरवासी भी यहां पहुंचते थे लेकिन समय बीतने के साथ देखरेख के अभाव में उद्यान उजाड़ होने लगा। यहां लगे फव्वारे काफी समय से बंद पड़े हैं, उसमें भरे पानी में भयंकर काई जमा है। पालकी उठा रहे पुतलों का रंग उड़ गया है, योग करते पुतले नदारद हो गए हैं। इसके अलावा बगीचे के आसपास लगी टाइल्स और रैलिंग भी टूट रही है। इससे इसकी खूबसूरती खत्म हो रही है। ऐसे में अब यह उद्यान अपने उद्धार की बांट जोह रहा है।
हवा को साफ रखने में मदद करते थे फाउंटेन
पालकी उद्यान से प्र्रदूषण को रोकने में भी मदद मिलती थी। यहां लगे फव्वारे वाहनों से उडऩे वाली धूल और धुएं से हवा को साफ रखते थे और आसपास ठंडक का एहसास भी होता था लेकिन अब फाउंटेन ही बंद हैं जिससे बगीचे के आसपास फाफी धूल जमा है।
2015 में हुआ था भूमिपूजन
उद्यान के सौंदर्यीकरण कार्य का भूमिपूजन जून 2015 में किया गया था जिस पर एक करोड़ 95 लाख रुपए खर्च हुए थे लेकिन देखरेख नहीं होने के चलते यह पालकी उद्यान उजाड़ हो रहा है। जिम्मेदारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया कि तो यह पूरी तरह जर्जर हो जाएगा।
पालकी उद्यान और उसके ही समीप स्थित महाराणा प्रताप उद्यान के लिए 30 लाख रुपए का बजट मंजूर हुआ है। इसके लिए टेंडर जारी किया जा रहा है जो मंजूर होते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।-मनोज राजवानी प्रभारी उद्यान विभाग