महालक्ष्मी, रवि और बुधादित्य योग में 27 जुलाई को हरियाली तीज

इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का विशेष महत्व
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया पर २७ जुलाई को हरियाली तीज मनाई जाएगी। इस दिन महालक्ष्मी योग, रवि योग और बुधादित्य योग का संयोग रहेगा। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है। अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए विवाहित महिलाएं और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं।
ज्योतिषाचार्य पं. अजय कृष्ण शंकर व्यास ने बताया हरियाली तीज को सिंधारा तीज, छोटी तीज, श्रावण तीज भी कहा जाता है जो हरियाली अमावस्या के बाद तीसरे दिन पड़ती है। हरियाली तीज धार्मिक महत्व के हिसाब से बेहद खास है और सनातन धर्म में इसका विशेष स्थान है। यह भगवान शिव और मां पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है। वैदिक हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 26 जुलाई को शुरू होगी जो 27 जुलाई को रात तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार हरियाली तीज 27 जुलाई को मनाई जाएगी।
मां पार्वती ने की थी कठित तपस्या
ज्योतिषाचार्य पं. व्यास के बताया पुराणों के अनुसार मां पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने 108 जन्मों तक तपस्या की और उसके बाद भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं, जो महिलाएं सच्चे मन से पूजा करती हैं उनका वैवाहिक जीवन हमेशा खुशहाल रहता है।
प्रकृति के प्रति सम्मान को उजागर करता है पर्व
हरियाली तीज पर्व भारतीय संस्कृति की गहराइयों को दर्शाता है और श्रावण माह की रिमझिम फुहारों, हरियाली को मनाने का भी अवसर है। इस दौरान धरती बारिश के कारण हरी चुनरी ओढ़ लेती है। यह पर्व प्रकृति के प्रति सम्मान को भी उजागर करता है।









