पीयूष भार्गव पर कार्रवाई नहीं हुई तो उच्च न्यायालय जाएगी पीडि़त महिला उपयंत्री

मामला : कार्यस्थल पर संविदा कार्यपालन यंत्री द्वारा महिला यौन उत्पीडऩ का
अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। नगर निगम के संविदा कार्यपालन यंत्री पीयूष भार्गव ने महिला उपयंत्री के साथ कार्यस्थल पर छेड़छाड़, सोशल मीडिया के व्हाट्सएप पर अश्लील मैसेज किए थे। इसकी शिकायत महिला ने नगर निगम आयुक्त, पुलिस अधीक्षक, महिला थाना प्रभारी से की। मामले में एफआईआर दर्ज होने, समिति की जांच रिपोर्ट आने के बाद भी कार्यपालन यंत्री पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब महिला उपयंत्री ने पुलिस अधीक्षक को दुबारा पत्र लिखकर कहा है कि यदि समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो उच्च न्यायालय में गुहार लगाएंगी।
यह था मामला
नगर पालिक निगम में पदस्थ महिला उपयंत्री ने संविदा कार्यपालन यंत्री पीयूष भार्गव द्वारा निरंतर व्हाट्सएप, फोन एवं समक्ष में आपत्तिजनक व्यवहार किये जाने, अश्लील हरकतें करने और अकेले में मिलने के लिए दबाव बनाने की शिकायत आयुक्त आशीष पाठक से की थी। आयुक्त पाठक ने विशाखा समिति गठित कर महिला उपयंत्री की शिकायत की जांच शुरू कराई। जिसकी रिपोर्ट 7 दिनों में आयुक्त को सौंपना थी।
मैं तुमसे रिलेशन बनाना चाहता हूं, इंतजार करूंगा: महिला ने अपने शिकायती आवेदन में लिखा था कि पीयूष भार्गव ने प्रत्यक्ष में बुलाकर कहा था कि मैं तुमसे फिजिकल रिलेशन बनाना चाहता हूं, तुम कब तैयार हो, मैं तुम्हारा इंतजार करूंगा। मना किए जाने के बाद भी उसकी बेशर्मी खत्म नहीं हो रही थी। परेशान होकर मैं नौकरी छोडऩे का मन बना रही थी। निगम के वरिष्ठ अधिकारियों, आयुक्त महोदय एवं अन्य साथियों को यह बताया और उन्हीं की सलाह पर मैं आपके समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर रही हूं।
17 मार्च से पुलिस के पास पेंडिंग है मामला
महिला ने 17 मार्च को पुलिस अधीक्षक, महिला थाना प्रभारी को शिकायती आवेदन दिया जिसमें लिखा था कि नगर निगम उज्जैन में पदस्थ कार्यपालन यंत्री पीयूष भार्गव द्वारा मुझसे निरंतर व्हाट्सएप फोन एवं समक्ष में आपत्तिजनक बातें की जा रही हैं। मोबाइल पर इनके द्वारा की गई बातचीत का रिकार्ड इस शिकायत पत्र के साथ संलग्र कर रही हूं जिसमें मेरे विरोध करने के बावजूद उनके द्वारा कहा गया कि तुम्हारी याद आ रही थी इसलिए फोन किया। अन्य साथी मनोज राजवानी झोनल अधिकारी एवं मुकुल मेश्राम उपयंत्री के माध्यम से मुझे रात 9 बजे घर बुलवाया जो कि मेरे द्वारा मना किया गया। व्हाट्सएप चेट में वे मीसिंग यू लिख रहे हैं और मेरे विरोध पर उन्होंने उसे डिलीट करने का मैसेज किया।
दूसरे आवेदन में लिखा समय सीमा में कार्रवाई करें
महिला उपयंत्री की रिपोर्ट पर महिला थाना पुलिस ने पीयूष भार्गव के खिलाफ बीएनएस की धाराओं में 19 मार्च को केस दर्ज किया था। केस दर्ज होने के एक माह बाद भी पुलिस ने पीयूष भार्गव की गिरफ्तारी नहीं की। वह खुलेआम घूम रहा है। न तो जांच में कोई प्रगति हुई और न ही कोई चार्जशीट तैयार की गई। इस देरी के कारण मानसिक पीड़ा हो रही है। महिला उपयंत्री ने अपने दूसरे आवेदन में लिखा है कि कृपया स्वयं इस मामले की निगरानी करें और समयबद्ध जांच सुनिश्चित करें। संबंधित थाना को तत्काल कार्यवाही के निर्देश दें। जांच की वर्तमान स्थिति की लिखित जानकारी प्रदान करें। मैं इस विषय में राष्ट्रीय महिला आयोग को भी सूचित कर रही हूं और यदि समय पर उचित कार्यवाही नहीं की गई तो उच्च न्यायालय का रुख करने का अधिकार सुरक्षित रखती हूं।
तीन बार पत्र लिख चुके आयुक्त को
महिला थाना प्रभारी लीला सोलंकी ने बताया कि महिला उपयंत्री की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने के बाद नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर विशाखा समिति द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट नहीं मिलने पर दो बार रिमाइंडर भी भेजा गया लेकिन अब तक जांच रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो पाई है इससे वरिष्ठ अफसरों को अवगत कराया गया है।