मां को गांजे के केस में फंसा जेल भिजवाया फिर नाबालिग को हवस का शिकार बनाया

दरिंदे को उम्र कैद, लाख भी देना पड़ेंगे
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। पहले उसने मां-बेटी को 2020 में कानीपुरा मार्ग के देवनखेड़ी गांव में स्थित जमीन पर चौकीदारी के लिए रखा। उसकी नजर में खोट थी। वह नाबालिग को देखा करता था। कभी-कभी छेड़ भी देता था। मजबूर मां खामोश रही। उसने मां के खिलाफ गांजे का केस बनवा कर षडयंत्र रचा और जेल भिजवा दिया। उधर मां जेल में थी और इधर उसने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया।
इतना ही नहीं वह गर्भवती हुई तो निजी नर्सिंग होम ले गया जहां उसने पुत्री को जन्म दिया। जब मां जेल से छूट कर आई तब उसने आरोपी की करतूत बताई। अतिरिक्त विश्व बैंक कॉलोनी में रहने वाले बदमाश को उज्जैन विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट ने 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने इस प्रकरण में ठोस सबूतों के आधार पर आरोपी को उक्त सजा सुनाई है। आरोपी अनिल उर्फ अनिल ठाकुर पिता अर्जुनसिंह सिकरवार 40 वर्ष निवासी धार रोड इंदौर हाल मुकाम अतिरिक्त विश्व बैंक कॉलोनी को 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 4 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
मीडिया सेल प्रभारी एडीपीओ कुलदीपसिंह भदौरिया ने बताया कि फरियादी ने 29 जून 2023 को पंवासा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। तत्कालीन थाना प्रभारी गजेंद्र पचौरिया ने जीरो पर दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धारा में केस दर्ज कर प्रकरण घट्टिया थाना को भिजवाया था। घट्टिया थाना प्रभारी विक्रम चौहान ने मामले में विवेचना कर आरोपी को गिरफ्तार कर ठोस सबूत के साथ चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी।
भदौरिया ने बताया कि प्रकरण में अनुसंधान के दौरान प्रभारी उप निदेशक अभियोजन राजेंद्रकुमार खांडेगर द्वारा थाना घट्टिया के निरीक्षक को अनुसंधान में विधिक परामर्श एवं साक्ष्य संकलन हेतु मार्गदर्शन प्रदान किया। प्रकरण में पैरवी विशेष लोक अभियोजक सूरज बछेरिया द्वारा की गई। कोर्ट ने आरोपी को चार लाख रुपए की प्रतिकर राशि पीडि़ता को देने के आदेश दिए।