देर से खुली स्वास्थ्य विभाग की नींद: अनियमितताएं, लापरवाही, सुविधाओं का अभाव….फिर भी अस्पताल चल रहे हैं
लोटस को तीन दिन का अल्टीमेटम मरीज डिस्चार्ज करें
गंभीर मरीजों को सर्वसुविधाजन अस्पताल में भर्ती करें
बिना पंजीयन के ही चल रहे थे दो पैथालॉजी सेंटर
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। स्वास्थ्य विभाग की नींद खुल गई है। अब इस विभाग के अधिकारियों ने कैबिन से निकल कर बाहर जाना शुरू कर दिया है। जब ग्रामीण क्षेत्र में जा रहे हैं तब पता चल रहा है कि डॉक्टर और नर्स नदारद हैं। किसी के आने-जाने का कोई समय तय नहीं है। बगैर पंजीयन के ही अस्पताल और पैथालॉजी सेंटर चल रहे हैं। उज्जैन शहर के कई अस्पतालों में अनियमितताएं हैं, लापरवाही है, सुविधाओं का अभाव है फिर भी अस्पताल चल रहे हैं। तिवारी नर्सिंग होम ने नौ महीने तक पंजीयन ही नहीं कराया। यानी अस्पताल अवैध रूप से चलता रहा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी या तो सोए रहे या चुप रहे। किसी को कानों-कान खबर नहीं हुई कि शहर के बीच चलने वाला यह अस्पताल किस तरह चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई तो की है लेकिन किस प्रकार की है मामला अभी भी उलझा हुआ नजर आ रहा है। सवाल यह है कि जब अस्पताल आठ महीने से बगैर पंजीयन के चल रहा था तो विभाग ने कार्रवाई क्या की?
निजातपुरा में संचालित तिवारी नर्सिंग होम के अस्पताल का पंजीयन 31 मार्च 2024 को समाप्त हो चुका है परन्तु नर्सिंग होम संचालक द्वारा पंजीयन का नवीनीकरण न कराते हुए दिनांक 20/11/2024 को नवीनीकरण के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया। उक्त दिनांक के बीच की अवधि में अस्पताल का संचालन अवैध रूप से किया गया। समय पर पंजीयन न कराने के कारण अस्पताल संचालक को नोटिस जारी किया गया है। सीएमएचओ डॉ. अशोक पटेल के निर्देश पर कार्रवाई की गई।
लोटस अस्पताल का 1 माह के लिए पंजीयन निलंबित
फ्रीगंज क्षेत्र (69 वररूचि मार्ग) में संचालित लोटस हॉस्पिटल के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है। इस अस्पताल में अव्यवस्थाओं और अनियमितताओं का आलम है। एक माह के लिए इस अस्पताल का पंजीयन निलंबित कर दिया गया है। अस्पताल संचालक से कहा गया है कि तीन दिन में अस्पताल में भर्ती मरीज डिस्चार्ज हो जाना चाहिए। यदि कोई गंभीर मरीज है तो उसे सर्वसुविधायुक्त अस्पताल में भर्ती कराया जाए। यदि एक माह में कोई मरीज अस्पताल में दिखाई दिया तो पंजीयन हमेशा के लिए निरस्त कर दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिए गए इस निर्णय से अस्पताल में हडक़ंप मच गया है।
सलक्ष और श्री गव्य लक्ष्मी सील होंगे
इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पाया कि मक्सी रोड स्थित सलक्ष पोली क्लिनिक एवं पैथालॉजी, श्री गव्य लक्ष्मी ग्राम लक्ष्मीपुरा के पास कायथा अपंजीकृत है। इन्हें सील करने के आदेश के आदेश जारी किए गए हैं। जब तक यह दोनों द्वाराा नियमानुसार पंजीयन नहीं कराते तब तक कोई काम नहीं करेंगे। खंड चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन दोनों पर नजर रखे।
कर्मचारियों के वेतन का क्या होगा?
स्वास्थ्य विभाग ने लोटस अस्पताल के खिलाफ कड़ा निर्णय लिया है। एक माह तक कोई मरीज भर्ती नहीं होगा। जो हैं उन्हें भी तीन दिन में डिस्चार्ज करना होगा। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अस्पताल प्रबंधन कर्मचारियों के हितों के क्या करेगा। अस्पताल में कई कमचारी हैं जिनके परिवार को भरण-पोषण यहां से मिलने वाले वेतन से होता है। यदि किसी कर्मचारी के साथ अस्पताल प्रबंधन ने आर्थिक शोषण किया तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस संबंध में क्या निर्णय लेंगे।