पानी रे पानी…. एक दिन जलप्रदाय न होने के मामले में शहर में तूल पकड़ा था

निगम के आला अधिकारियों का ठीकरा नीचे वालों पर फूटा, पहले हटाया, अब दोनों सस्पेंड

दोनों अधिकारियों ने सस्पेंड होने से पहले प्रोजेक्ट बनाया, जिम्मेदारों ने स्वीकृत नहीं कराया

अक्षरविश्व न्यूजउज्जैन। पीएचई के इतिहास में संभवत: यह पहला अवसर है जब शहर में किसी तकनीकी खराबी के कारण जलप्रदाय न होने पर प्रभारी उपयंत्री और प्रभारी कार्यपालन यंत्री को निलंबित किया गया है। अधीक्षण यंत्री द्वारा की गई जांच और आयुक्त द्वारा की गई कार्रवाई अब पीएचई के गलियारों में चर्चा का विषय बन चुकी है।

पिछले दिनों गंभीर इंटकवेल पर लगे पम्प की मोटर के बिजली के तारों में सांप घुसा। इस कारण फाल्ट हो गया। पम्प नहीं चलने के कारण शहर की पेयजल टंकियां नहीं भर पाई। शहर में दूसरे दिन जलप्रदाय नहीं हुआ। कांग्रेस द्वारा विरोध प्रदर्शन, महापौर कार्यालय का घेराव भी हुआ। हालांकि शहर की जलप्रदाय व्यवस्था बिगडऩे, नलों से गंदा व दूषित पेयजल सप्लाय करने की शिकायतें पूर्व से जनप्रतिनिधियों द्वारा अफसरों से की जा रही थीं।

यही कारण रहा कि एक दिन शहर में जलप्रदाय बाधित होने का ठीकरा प्रभारी कार्यपालन यंत्री राजीव शुक्ला और गंभीर डेम प्लांट प्रभारी सुभाष मुवेल पर फूटा। एमआईसी ने मामले की जांच अधीक्षण यंत्री संतोष गुप्ता से कराई। जांच रिपोर्ट आने से पहले दोनों अधिकारियों का प्रभार छीन लिया गया और गुरूवार को जांच रिपोर्ट आने के बाद आयुक्त आशीष पाठक ने राजीव शुक्ला व सुभाष मुवेल को निलंबित कर दिया।

कई प्रोजेक्ट बने लेकिन स्वीकृत एक भी नहीं

गंभीर इंटकवेल पर लगे पंप वर्षों पुराने हैं, मोटरों को सुधार कार्य कराने के बाद काम चलाया जा रहा है। मेंटेनेंस ठेकेदार ने नहीं किया। पीएचई अफसरों द्वारा गंभीर डेम से पेयजल शहर तक पहुंचाने की प्रोसेस, मशीनरी, पम्प, मोटर के संबंध में प्रोजेक्ट बनाए, ऑडिट कराया, प्राक्कलन भेजे। शासन की स्पेशल प्रोजेक्ट, अमृत-2 जैसी योजनाओं में उक्त काम कराने की अनुशंसा भी की लेकिन नगर निगम के अफसर किसी भी प्रोजेक्ट को शासन से स्वीकृत नहीं करा पाए।

एमआईसी सदस्यों और विपक्ष के आंदोलन से जनप्रतिनिधि आए थे हरकत में

शहर में दूषित और गंदा पेयजल सप्लाय करने, कम दबाव से नलों में पानी आने की समस्या बढ़ती जा रही थी। एमआईसी सदस्य योगेश्वरी राठौर, रजत मेहता तो अपने अपने क्षेत्र की पेयजल टंकियों पर पहुंच पीएचई अफसरों को व्यवस्था सुधारने के निर्देश दे चुके थे। वहीं दूसरी ओर निगम में विपक्ष की भूमिका निभाने वाले कांग्रेस पार्षद पार्टी अध्यक्ष के साथ महापौर बंगले का घेराव करने पहुंच गए। बाल्टी लेकर प्रदर्शन किया। यही कारण रहा कि महापौर, निगम अध्यक्ष ने तत्काल गंभीर डेम का दौरा किया। व्यवस्थाएं सुधारने के लिए पीएचई अफसरों को निर्देश दिए। गड़बड़ी मिलने पर जांच कराई थी।

जांच रिपोर्ट गोपनीय मैं नहीं बता सकता

जलप्रदाय व्यवस्था में गड़बड़ी, गंभीर डेम पर हुए फाल्ट की जांच अधीक्षण यंत्री संतोष गुप्ता ने की। उनसे जांच के बिंदु, जांच में मिली कमियों के संबंध में जानकारी चाही गई। गुप्ता का कहना है कि जांच गोपनीय थी। इस संबंध में कुछ नहीं कह सकता। आधिकारिक बयान आयुक्त ही दे पाएंगे।

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