स्थानीय समिति गठित करने के लिए भेजी सूची
इस साल राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री में से कोई एक आ सकते हैं शुभारंभ करने के लिए
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:अखिल भारतीय कालिदास समारोह इस वर्ष भव्य रूप से मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री का गृह नगर होने के कारण इस बार समारोह की गरिमा अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के प्रयास प्रारंभ किए जा चुके हैं। अकादेमी के निदेशक का दावा है कि इस बार शुभारंभ समारोह के मुख्य अतिथि या तो माननीय राष्ट्रपति होंगे या माननीय प्रधानमंत्री। समारोह की तैयारियां प्रारंभ हो चुकी है।
कालिदास संस्कृत अकादेमी के सान्निध्य में हर वर्ष अखिल भारतीय कालिदास समारोह आयोजित होता है। बीते वर्षो में इस समारोह की अन्तरराष्ट्रीय गरिमा जहां प्रभावित हुई,वहीं शहरवासी भी इससे कटते चले गए। इस वर्ष से यह आयोजन न केवल अन्तरराष्ट्रीय स्तर का होगा वरन् इसकी गरिमा को पुर्नस्थापित करने के तमाम प्रयास किए जाएंगे। अकादेमी के निदेशक डॉ.गोविंद गंधे के अनुसार इसके लिए एक पायलेट प्रोजेक्ट बनाकर उस पर दो माह से कार्य चल रहा है।
यह कार्य सतत चलेगा। चूंकि चीजें अभी धरातल पर नहीं दिख रही,ऐसे में समाज के बीच अकादेमी की उपस्थिति शून्य जैसी लगती है। डॉ.गंधे ने बताया कि इस वर्ष समारोह में अन्तरराष्ट्रीय स्तर के हस्ताक्षरों को प्रस्तुति के लिए बुलवाया जाएगा वहीं शुभारंभ एवं समापन समारोह भी भव्य होगा।
अतिथियों की सूची अनुसार शुभारंभ कार्यक्रम के लिए माननीय राष्ट्रपति और माननीय प्रधानमंत्री का नाम मुख्यमंत्री के समक्ष केंद्रीय समिति की बैठक में रखा जाएगा। पूर्व के वर्षो से अधिक प्रयास किए जाएंगे ताकि माननीयगण उज्जैन आ सके। डॉ.गंधे ने बताया कि स्थानीय समिति के गठन की फाईलें भोपाल रवाना हो चुकी है। समिति का गठन,अधिसूचना जारी होने के बाद समिति की बैठक होगी। इसी बैठक में आए सुझावों पर केंद्रीय समिति भोपाल में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कार्यक्रमों को अंतिम रूप देगी।
प्रतिभाओं को किया जाएगा आमंत्रित
उन्होने बताया कि देशभर में संस्कृत के क्षेत्र में काम कर रहे गुरूकुल आचार्यो को इस वर्ष आमंत्रित किया जा रहा है। इसी प्रकार सामाजिक संस्थाओं के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया जाएगा ताकि वे भारतीय संस्कृति के उत्थान में उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों को सभी के समक्ष रखें। इसी प्रकार सांस्कृतिक आयोजनों हेतु स्थानीय प्रतिभाओं के साथ अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न विधाओं में भारत का मान बढ़ा रही प्रतिभाओं को आमंत्रित किया जाएगा।
जिन देशों में संस्कृत पर काम हो रहा है,जैसे-जर्मनी, लेटिन अमेरिकी देश आदि। इन देशों में संस्कृत साहित्य,नाट्य विधा के दक्ष लोगों को राष्ट्रीय शोध संगोष्ष्ठी एवं सांस्कृतिक संध्या में अपनी प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया जाएगा। कालिदास के साहित्य पर संस्कृत में कथानकों/नाटिकाओं की प्रस्तुतियों पर जोर दिया जाएगा। संस्कृत भाषा के चलचित्र समारोह का आयोजन भी इस दौरान होगा। ताकि संस्कृत भाषा में बनी फिल्में समाज के बीच पहुंचे।
ऐसे जोड़ा जाएगा शहरवासियों को
डॉ. गंधे के अनुसार कालिदास समारोह से शहरवासियों, आज की पीढ़ी को जोडऩे के लिए योजना बनाई गई है। विभिन्न समाजों, सामाजिक संस्थाओं,विद्यालयों एवं महाविद्यालयों, संगीत/कला से संबंधित संस्थाओं के प्रमुखों की बैठकें अलग-अलग समुहों में होंगी। बैठकों के माध्यम से एक संदेश समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जाएगा। इसमें महाविद्यालयों में कार्यरत राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों की भागीदारी भी रहेगी। इसी को आधार बनाकर भव्य कलश यात्रा की कल्पना को साकार किया जाएगा।
करीब 2 करोड़ से संकुल हाल का जीर्णोद्धार
अकादेमी परिसर स्थित पं.सूर्यनारायण व्यास संकुल हाल का जीर्णोद्वार प्रारंभ हो चुका है। अखिल भारतीय कालिदास समारोह से पूर्व इस हाल को पूर्णत: आधुनिक बना दिया जाएगा। इसके लिए शासन द्वारा करीब 2 करोड़ रूपए का बजट स्वीकृत किया गया है। हाल पूर्णत: वातानुकूलित होगा। इसका स्टेज नया बनेगा वहीं ग्रीन रूम तथा उससे सटे अतिथि कक्ष को नया लूक दिया जाएगा। कुर्सियां बदली जाएगी और आधुनिक बैठक व्यवस्था रहेगी, ताकि दर्शक/श्रोता अधिक समय तक बैठने पर भी थकान महसूस न करे। हाल और स्टेज की लायटिंग व्यवस्था आधुनिक रहेगी। वहीं संकुल के बाहर के हिस्से को भी सौन्दर्यीकृत किया जाएगा। किसी आधुनिक थियेटर की भाती इसका उन्नयन होगा। यह कार्य गति पकडऩे लगा है।