कचरा कलेक्शन गाड़ी का हाइड्रोलिक गिर गया, ड्राइवर की दबने से हुई मौत

सुबह योगमाया मंदिर के सामने खड़ा था वाहन कचरा निकालने गया था
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अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। कचरा कलेक्शन वाहन के हाइड्रोलिक को ड्राइवर ने ऊंचा किया लेकिन वह वापस नीचे नहीं आ रहा था। वह खराबी देखने हाइड्रोलिक के नीचे पहुंचा तभी अचानक वाहन में लगा कचरा एकत्रित करने का बॉक्स उस पर आ गिरा जिसके नीचे दबने से ड्राइवर की मौत हो गई। वह ठेकेदार के अधीन काम करता था। खाराकुआं थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पीएम कराया।
योगमाया मंदिर के सामने रहने वाला संतोष पिता भगवान सिंह चौहान 50 वर्ष ग्लोबल कंपनी में कचरा कलेक्शन वाहन का ड्राइवर था और वार्ड 12 में वाहन चलाता था। उसके जीजा रवि गोमे ने बताया कि मेरी पास में ही चाय की होटल है। मैं होटल खोल रहा था तभी सफाईकर्मी महिला ने बताया कि कचरा कलेक्शन वाहन के हाइड्रोलिक के नीचे संतोष सिंह दब गया है। तत्काल वहां पहुंचा। देखा तो खून फैला था। संतोष वाहन के पीछे लगे बॉक्स में दबा था। घटना करीब 7.30 बजे की है। आसपास के लोगों की मदद से संतोष को बॉक्स के नीचे से निकाला और अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
हाइड्रोलिक की खराबी से हुई घटना
रवि गोमे ने बताया कि संतोष पिछले 3-4 सालों से कचरा कलेक्शन वाहन चला रहा था। सुबह वाहन लेकर निकलने से पहले संभवत: उसने हाइड्रोलिक चैक किया होगा। वह ऊंचा तो उठा लेकिन वापस नीचे नहीं आया। इसी खराबी को चैक करने वह ऊंचे हाइड्रोलिक के पास गया और अचानक बॉक्स सहित हाईड्रोलिक नीचे आ गया जिसके नीचे दबने से संतोष की मौत हुई।
80-90 वाहन चल रहे हैं शहर में
नगर निगम द्वारा घरों, दुकानों, होटल, लॉज, धर्मशालाओं से निकलने वाले कचरे को वाहन में एकत्रित कर कचरा कलेक्शन सेंटर पहुंचाने का काम वाहनों से कराया जाता है। इसका ठेका ग्लोबल कंपनी को दिया गया है। कंपनी के ऑपरेशन मैनेजर पारस जैन ने बताया कि शहर में 80-90 वाहन संचालित हो रहे हैं। ड्राइवर को 7 हजार रुपए वेतन दिया जाता है। उनके बीमा और पीएफ की जानकारी नहीं है।
परिजन बोले… न बीमा न पीएफ, वेतन सिर्फ 6 हजार रुपए
संतोष के परिजन ने बताया कि ग्लोबल कंपनी द्वारा कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। कंपनी द्वारा संतोष को मात्र 6 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाता था वह भी नकद भुगतान होता था। कंपनी ने न तो उसका बीमा कराया था और न ही पीएफ जमा हो रहा था। ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में उसकी मौत हो गई। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं। कंपनी से मुआवजे की मांग परिजन ने की।