श्रद्धालुओं की संख्या पर निर्भर करेगा कितने समय में होंगे दर्शन

सामान्य दर्शनार्थियों को भील समाज की धर्मशाला के पास से मिलेगी एंट्री, महाशिवरात्रि पर्व के लिए मंदिर प्रशासन व्यवस्थाएं बनाने में जुटा

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर २६ फरवरी को देशभर से लाखों श्रद्धालु आएंगे। उन्हें आसानी से दर्शन हो सकें, इसके लिए मंदिर प्रशासन व्यवस्थाएं बनाने पर काम कर रहा है। हालांकि, इस बार श्रद्धालुओं की संख्या पर निर्भर करेगा कि उन्हें कितने समय में दर्शन होंगे। इसके अलावा सुरक्षा पर भी विशेष फोकस होगा।

उप प्रशासक एसएन सोनी ने बताया महाशिवरात्रि पर सामान्य श्रद्धालुओं को भील समाज की धर्मशाला के पास से एंट्री मिलेगी। इस दौरान भक्तों को करीब 2.5 से ३ किमी पैदल चलना होगा। भक्तों की सुविधा के लिए बीच में पानी, वॉशरूम और धूप से बचने के लिए छाया की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके अलावा जगह-जगह लड्डू प्रसादी के काउंटर भी लगाए जाएंगे।

200 अतिरिक्त जवान हायर करेगी क्रिस्टल
सोनी ने बताया श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर इस बार भी विशेष फोकस रहेगा। इसके लिए मंदिर की सुरक्षा कंपनी क्रिस्टल द्वारा 200 अतिरिक्त जवानों को हायर किया जाएगा। इसके अलावा होमगार्ड जवानों की भी मदद ली जाएगी ताकि सुरक्षा में किसी तरह की चूक ना हो सके।

यह रहेगी दर्शन व्यवस्था

सामान्य दर्शनार्थी: भील समाज की धर्मशाला के पास बैरिकेड्स लगाए जाएंगे। जहां से दर्शनार्थी प्रवेश करेंगे। यहीं पर उनके लिए जूता-चप्पल स्टैंड भी होगा। यहां से दर्शनार्थी चारधाम मंदिर पार्किंग के पास से शक्ति पथ, त्रिवेणी संग्रहालय के समीप से नंदी द्वार भवन, फैसेलिटी सेंटर 1 टनल, गणेश मंडपम् से भगवान महाकाल के दर्शन करेंगे। इसके बाद नई टनल से दर्शनार्थी बाहर जाने के लिए बड़ा गणेश मंदिर के समीप हरसिद्धि मंदिर तिराहा पुन: चारधाम मंदिर पर पहुंचकर अपने गंतव्य की ओर रवाना होंगे।

वीआईपी: नीलकंठ द्वार से त्रिनेत्र के सामने से होकर शंख द्वार, कोटितीर्थ कुंड के सामने से सभा मंडपम् से मंदिर में प्रवेश करेंगे। दर्शन के बाद सभा मंडपम् से कोटितीर्थ कुंड, शंख द्वार से त्रिनेत्र होकर नीलकंठ द्वार से मंदिर के बाहर निकलेंगे।

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