एआई जनरेटेड घिबली इमेज बनाने से पहले वेरिफाइड एप स्टोर से ही करें डाउनलोड
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सोशल मीडिया के फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, टेलीग्राम आदि एप चलाने वाले यूजर के बीच इन दिनों जापानी एनीमेशन आर्ट शैली घिबली का बड़ी संख्या में उपयोग कर रहे हैं। पुलिस ने इस एप को सावधानी से डाउनलोड करने व आधिकारिक वेबसाइड का उपयोग करने की सलाह लोगों को दी है।
पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि सोशल मीडिया पर जापानी एनीमेशन आर्ट शैली घिबली से प्रेरित एआई जनरेटेड इमेज तेजी से वायरल हो रही है। यह ट्रेंड इतना लोकप्रिय हो चुका है कि हर सोशल मीडिया यूजर अपने और अपने परिवार के फोटो को घिबली स्टाइल में बदलवाने की इच्छा रखता है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी ऐसे ट्रेंड्स का लाभ उठाने के लिए सक्रिय हो जाते हैं। जैसे ही कोई विषय इंटरनेट पर अधिक सर्च होने लगता है अपराधी उससे संबंधित फेक एप्स, वेबसाइट्स और एपीके फाइलें तैयार कर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाते हैं।
यह रखें सावधानी
1. कोई भी एप डाउनलोड करने से पहले उसकी सुरक्षा, रिव्यू और सोर्स की जांच करें।
२. व्हाट्सएप, टेलीग्राम या अन्य माध्यमों से प्राप्त अज्ञात एपीके फाइलों को डाउनलोड न करें।
3. एआई इमेज जनरेटर एप्स की आधिकारिक वेबसाइट या वेरिफाइड एप स्टोर से ही डाउनलोड करें।
4. किसी भी अनवेरिफाइड लिंक पर क्लिक न करें जो घिबली इमेज जनरेशन या संबंधित सेवा का दावा करे।
यह हो सकता है नुकसान
एसपी शर्मा ने बताया कि यदि कोई यूजर गलती से ऐसा फेक एप डाउनलोड कर लेता है तो उसके डिवाइस से निजी डेटा, फोटो, कन्टेंट्स और बैंकिंग संबंधी जानकारी साइबर अपराधियों के हाथ लग सकती है इससे न केवल आर्थिक हानि हो सकती है बल्कि निजी जानकारी का दुरूपयोग भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर ट्रेडिंग कंटेंट को लेकर सजग रहें। किसी भी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत नजदीकी पुलिस थाने में संपर्क करें या साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।