दिखाने के लिए स्टेशन पर रखी है स्केनर मशीन
सुरक्षा को लेकर यात्रियों ने उठाए सवाल
जांच के नाम पर सिर्फ दावा ही है, स्टेशन पर चैकिंग नाम की कोई चीज नहीं
अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ और यात्रियों की मौत के बाद देश भर में रेलवे अलर्ट पर है। विभाग के बड़े अधिकारी मॉनीटरिंग कर रहे हैं। उज्जैन के हालात जुदा हैं।
दावा जरूर है लेकिन दिखाई कुछ नहीं दे रहा है। यात्रियों की टिप्पणी है, यह कैसा अलर्ट? टे्रनें आ रही हैं, जा रही हैं यात्री उतर रहे हैं, लेकिन सावधानी क्या है यह दिखाई नहीं दे रही है। सबसे महत्वपूर्ण होता है प्लेटफॉर्म नंबर एक। यहां यात्रियों की बीच गाय तफरीह करती नजर आ रही है। लोगों को टे्रेन का इंतजार है। भीड़ बढ़ती जा रही है। कोई चैकिंग नहीं। आपने टिकट लिया है या नहीं, कोई पूछने वाला नहीं। प्लेटफार्म टिकट की प्रथा तो शायद बंद ही हो गई है।
अक्षर विश्व की टीम ने रविवार की शाम को स्टेशन का दौरा किया। प्लेटफार्म एक का जायजा लिया, सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ा कोई जवान यहां नजर नहीं आया। इंदौर-निजामुद्दीन एक्सपे्रस अपने ठीक समय पर प्लेटफार्म नंबर १ पर आई। उज्जैन से जाने वाले यात्री ट्रेन में सवार हो रहे थे। कुछ ऐसे भी थे जो इंदौर से आए थे, जो यहां उतर रहे थे। जीआरपी का दावा है कि ट्रेनों की जांच की जा रही है लेकिन यहां ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया।
बैग स्केनर बंद
आने-जाने वाले यात्रियों के सामान की जांच करने के लिए रेलवे द्वारा प्लेटफार्म नंबर-१ के बाहर स्केनर मशीन लगाई गई है। यह पिछले कई दिनों से बंद पड़ी है। रेलवे प्रशासन ने इसे शुरू कराने की अभी तक कोई पहल नहीं की है। नतीजतन लोग अपना सामान बेरोकटोक अंदर ले जा रहे हैं। बाहर से आने वाले यात्रियों को भी टोकने वाला यहां कोई नहीं है।
लगैज देखने वाला भी कोई नहीं
रेलवे स्टेशन में आलम यह है कि लोग क्षमता से अधिक लगैज अपने साथ लेकर जाते हैं। कोच में यात्रा कर रहे लोगों के साथ इन लोगों के विवाद होते हैं। यदि जांच सहीं ढंग से हो रही हो तो ऐसे यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर ही रोक लिया जाता। यहां ऐसा कुछ देखने में नहीं आया। लोग बड़े-बड़े बोरों में अपना सामान रखकर ले जा रहे थे।
यदि गाय बिचक जाती तो….
प्लेटफार्म नंबर-1 पर एक गाय बड़ी देर तक यात्रियों के बीच ही तफरीह कर रही थी। आलम यह था कि इस गाय के कारण लोगों को अपना सामान एक तरफ करना पड़ा। कुछ यात्री तो गाय से बचते हुए नजर आए। यात्रियों को कहना था कि यदि यही गाय बिचक जाती तो क्या होगा? कई बार देखा गया है कि पशुओं के दौडऩे से भगदड़ जैसी स्थिति मच जाती है। प्लेटफार्म पर गाय का होना साबित कर रहा है कि यहां की सुरक्षा व्यवस्था कैसी है?
अब जरा इनकी भी सुनिए
निजामुद्दीन की यात्रा करने वाले डॉ. अशोक वाजपेयी ने कहा कि दिल्ली में बड़ा हादसा हुआ है। उसे देखते हुए यहां सुरक्षा के इंतजाम होना चाहिए थे।
इसी ट्रेन से यात्रा करने वाले देवास के सुरेंद्रसिंह गौतम ने कहा कि हाई अलर्ट तो दूर यहां गाय यात्रियों के बीच से निकल गई है। यह गाय परेशानी का सबब बन सकती है।
यात्री सुधीर सक्सेना ने कहा कि रेलवे स्टेशन पर सामान की जांच होना चाहिए। अमूमन देखा गया है कि रेल प्रशासन हमेशा कोई हादसा होने के बाद ही हरकत में आता है। यहां का स्केनर ही बंद पड़ा है।
यात्रा कर रही सुनीता शर्मा ने कहा कि लोग क्षमता से ज्यादा सामान लेकर यात्रा कर रहे हैं। इनकी जांच करने वाला कोई नहीं है। रेल प्रशासन को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।
बेटिकट यात्रियों की जांच नहीं
प्लेटफार्म-1 पर नियमानुसार यह जांच होना चाहिए कि कौन यात्री टिकट लेकर बैठा है और कौन बिना टिकट यात्रा कर रहा है। गेट पर टिकट चैकर का ना होना यह बता रहा है कि उज्जैन रेलवे स्टेशन की स्थिति क्या है? अक्षरविश्व की टीम ने देखा कि लोग इस गेट से बेहिचक आ-जा रहे थे। ट्रेन आने के बाद यदि कोई व्यक्ति अपने सगे-संबंधी को छोडऩे आता है तो उसे प्लेटफार्म टिकट लेना चाहिए। यहां ऐसा कुछ नहीं है।
हम जांच करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे
जीआरपी थाना प्रभारी सोहनलाल पाटीदार का कहना है कि दिल्ली में हुए हादसे के बाद हमने प्रबंधन के साथ मीटिंग की है। आरपीएफ के जवानों को साथ में लेकर ट्रेनों की चैकिंग कर रहे हैं। खासतौर पर प्रयागराज की ओर जाने वाली ट्रेनों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सुरक्षा में कोई कमी है तो उसे सुधारा जाएगा।