Advertisement

श्मशान में भी इंतजार… ओटले बढ़ाने की दरकार

बारिश में कम पड़ रहे शेड के नीचे ओटले, जर्जर टीन में से चिता पर गिरता है पानी

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। शहर के प्रमुख श्मशान चक्रतीर्थ पर बारिश में चिता जलाने वाले ओटले कम पड़ रहे हैं। शेड के नीचे १९ ओटले हैं जिनमें 6 जर्जर हैं। बारिश में शवदाह के लिए शेड फुल हो जाता है और ऐसे में कई बार ऐसी स्थिति बनती है कि शवदाह के लिए इंतजार करना पड़ता है या फिर दो ओटलों के बीच जमीन पर चिता बनानी पड़ती है। बारिश में चक्रतीर्थ पर नीचे बने ओटले पानी में जलमग्न हो जाते हैं। ऊपरी हिस्से में बने शेड के नीचे ही शवदाह किया जाता है। यहां १९ ओटले हैं जिनमें से ६ बुरी हालत में हैं। हालांकि जरूरत पडऩे पर इन ओटलों पर भी शवदाह होता है। लेकिन इसके बाद भी कई बार ओटले कम पड़ जाते हैं। ऐसी स्थिति अकसर बुधवार-रविवार को बनती है। मान्यतानुसार इस दिन अस्थि-संचय नहीं होता। इस कारण एक दिन पहले जली चिताओं के कारण ओटले इंगेज रहते हैं। नई चिताओं के लिए जगह नहीं बचती।

ओटले तैयार, लेकिन लावारिस हालत में:

Advertisement

चक्रतीर्थ श्मशान पर नगर निगम ने करीब चार साल पहले कोरोना काल के वक्त 20 से अधिक नए ओटले बनाए थे। लेकिन उन्हें अभी तक शुरू नहीं किया। ये ओटले अब तमाम तरह की घास-फूस से घिर गए हैं। अगर इन ओटलों के आसपास सफाई कर ऊपर शेड लगा दिया जाए तो ये काफी सुविधाजनक साबित हो सकते हैं।

Advertisement

परिजन को असामाजिक तत्व धमकाते हैं
सूत्रों के मुताबिक रात के वक्त श्मशान घाट पर असामाजिक तत्व भी सक्रिय हो जाते हैं। जो दाह संस्कार के लिए आने वाले लोगों को धमकाते हैं। ये लोग मृतक के परिजनों से चिता की सुरक्षा के नाम पर दो हजार रुपए तक वसूल लेते हैं। अन्यथा रात में चिता के साथ तंत्र क्रिया या अन्य नुकसान पहुंचाने की धमकी देते हैं।

अस्थि कलश के लॉकर भी कम
श्मशान पर अस्थि कलश सुरक्षित रखने के लिए लॉकर बने हैं, जिसमें व्यक्ति अपने संबंधी का अस्थि कलश सुरक्षित रख सकता है। जिसे वो दस दिन बाद यहां से ले जाता है। अस्थि कलश के लिए यहां १८ लॉकर हैं, जो कम पड़ते हैं। ऐसे में पुराने लॉकर में कलश रखना पड़ते हैं, जिसमें ताला नहीं लगा सकते। ऐसे में सुरक्षा का भय बना रहता है।

टीनशेड जर्जर, चिता पर गिरता है पानी: ऊपर बने दाह संस्कार स्थल पर लगा टीनशेड जर्जर हो गया है। बारिश में पानी जलती चिता पर गिरता है। आसपास भी पानी गिरने के कारण कीचड़ हो जाता है। इस कारण सफाई भी ठीक से नहीं हो पाती और गंदगी में ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरा करना पड़ती है।

अगले 6 माह में बदल जाएगा स्वरूप
नगर निगम ने चक्रतीर्थ श्मशान पर सुविधाओं के लिए विशेष प्लान बनाया है। जिसके तहत पानी-धूप से बचने के लिए शेड लगाया जा चुका है। प्याऊ व पार्किंग व्यवस्थित की जा चुकी है। अब ऊपर का शेड बदलने, नए ओटले बनाने और कोरोना काल में बने ओटले को व्यवस्थित करने की तैयारी है। यहां पर रंगाई-पुताई, बैठने के लिए बेंच, श्रद्धांजलि हॉल में एलईडी और साउंड, नीचे के ओटलों को व्यवस्थित करने तथा पूरे श्मशान को बाउंड्रीवॉल से कवर करने की प्लानिंग हो चुकी है। जल्दी ही टेंडर निकलेंगे और उम्मीद है कि अगले छह माह में यहां का पूरा स्वरूप ही बदल जाएगा।
मुकेश टटवाल, महापौर

Related Articles