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उज्जैन : स्कूल 120 वर्गफीट का, 50 से अधिक विद्यार्थी

जमीन के विवाद में नया भवन आठ साल से अधर में

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उज्जैन. सरकार शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए करोड़ों खर्च कर रही। उसके बाद भी सुविधाओं के अभाव में विद्यार्थियों को संघर्ष कर शिक्षा ग्रहण करना पड़ रहा है। स्कूल की दुर्दशा छात्रों के सामने सबसे बड़ी समस्या है। हर बार शिक्षा हासिल करने की राह में छात्राओं को कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ता है। ऐसे ही जटिल परिस्थितियों का सामना जवाहर नगर स्थित शासकीय प्राथमिक कुशाभाऊ ठाकरे विद्यालय के विद्यार्थियों को करना पड़ रहा है।

हैरत की बात कि यह बदतर हालात किसी ग्रामीण क्षेत्रों की नहीं बल्कि शहर के हृदय क्षेत्र टॉवर से 4-5 किलोमीटर दूर स्थित विद्यालय के। यहां छोटे से कमरे में 50 से विद्यार्थियों को शिक्षा का ज्ञान दिया जाता है। विद्यार्थियों को स्कूलों से जोडऩे के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे है, तो दूसरी तरफ धरातल पर स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है। सरकारी अनदेखी का उदाहरण किसी ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल का नहीं बल्कि शहर का है। 120 वर्गफीट के कमरे में विद्यार्थी पढऩे को मजबूर हैं। छोटे कक्ष में पहली से पांचवीं तक की कक्षाओं की पढ़ाई होती है। वहीं मध्याह्न भोजन करने के लिए बच्चों को स्कूल के बाहर बैठना पड़ता है।

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स्कूल और कार्यालय एक ही, इसमें भी सामान

जवाहर नगर का शासकीय प्राथमिक कुशाभाऊ ठाकरे विद्यालय में 10 बाय 12 का छोटा कक्ष है। उसमें पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं भी लगाई जाती है। स्कूल कार्यालय का काम भी किया जाता है। कक्ष के भीतर ही स्कूल का सामान भी रखा हुआ है। स्कूल में 50 से अधिक बच्चें रजिस्टर्ड हैं। उपस्थिति भी हर दिन औसतन 35 से 40 से विद्यार्थियों की रहती है,लेकिन सुविधा के नाम पर न तो खेल का मैदान है न ही पढने के लिए स्थान। कमरे में संचालित हो रहें स्कूल के पास बड़ा नाला बहता है। बरसात में इसके उफान पर आने से पानी कक्ष के बाहर भर जाता है। इसके अलावा अन्य मवेशी घूमते रहते हैं। स्कूल के एक मात्र कक्ष की छत में रिसन है। कमरे में सीलन बनी हुई है।

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जमीन पर पुलिस विभाग की आपत्ति, निर्माण अधर में

शासकीय प्राथमिक कुशाभाऊ ठाकरे विद्यालय जवाहर नगर के लिए राशि आवंटन के बाद भवन का निर्माण प्रारंभ भी हो गया। भवन का निर्माण पिलिंथ हाइट तक ही हुआ था कि इस पर पुलिस विभाग की आपत्ति आ गई। दरअसल जवाहर नगर उज्जैन विकास प्राधिकरण की योजना में निर्मित है। इस स्थान पर योजना में पुलिस चौकी के साथ प्राथमिक विद्यालय सह वाचनालय के लिए जमीन आरक्षित है। जिला शिक्षा केंद्र द्वारा जमीन की वास्तविक पड़ताल किए बगैर स्कूल भवन का निर्माण प्रारंभ कर दिया। इस पर आपत्ति आ गई और भवन निर्माण को रोकना पड़ गया। इसके बाद भी आगे की कार्रवाई के लिए किसी ने भी में कोई सुध नहीं ली है।

कक्ष पर केवल रंग-रोगन

फाइल चित्र: 2019 में स्कूल की स्थिति

एक कक्ष में पिछले आठ साल से स्कूल का संचालन किया जा रहा है लेकिन शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने इस बारे में कोई सुध नहीं ली। सामान्य दिनों में तीन कक्षाओं के बच्चों को कक्ष के बाहर मैदान पर बैठाकर और दो कक्षाओं के विद्यार्थियों की कक्ष में कक्षाएं लगाई जाती हैं। कक्ष में बैठाने तक की जगह नहीं होती।

बरसात होने पर पढ़ाई नहींं हो पाती है, तो खुला मौसम होने की स्थिति में सुबह 11 बजे बाद धूप आने पर छुट्टी करना पड़ती है। वहीं मध्यान्ह भोजन भी वहीं में कराना पड़ता है। स्कूल के मामले में शिक्षा अधिकारी आनन्द कुमार शर्मा से जानकारी लेने के लिए कई मर्तबा संपर्क किया गया किन्तु उनका फोन लगातार कवरेज क्षेत्र से बाहर रहा।

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