सरोकार…शहरवासियों की है ‘आफत’ शराब ‘अहातों’ से आहत…

शराब दुकानों के बाहर की अव्यवस्थाओं से परेशान लोगों ने सोशल मीडिया पर पुलिस के खिलाफ खोला मोर्चा…

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

advertisement

उज्जैन। शराब दुकानों के बाहर की अव्यवस्थाओं से खिन्न शहरवासियों ने इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल दिया हैं।

पुलिस के साथ संबंधित विभागों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने के साथ-साथ कटाक्ष भी किए जा रहे हैं। फेसबुक के उज्जैन वाले गु्रप पर आइसक्रीम की दुकान को सख्ती से बंद कराने और शराब की दुकानों के बाहर के कुप्रबंधन को पुलिस द्वारा नजर अंदाज किए जाने की एक पोस्ट वायरल हुई तो शहरवासियों ने प्रतिक्रिया की झड़ी लगा दी।

advertisement

शहर में संचालित हो रही शराब दुकानों के आसपास फैली अव्यवस्था एवं असामाजिक तत्वों से होने वाली परेशानियों को लेकर शहरवासी सोशल मीडिया पर अनेक प्रकार की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। लोगों की माने तो सरकार को जिन शराब दुकानों से सर्वाधिक राजस्व प्राप्त होता है, उसके आसपास की स्थिति इतनी खराब है कि यहां खड़े होना तो दूर यहां से गुजरना भी बमुश्किल हैं।

बावजूद पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों ने भी मौन साध रखा है। दरअसल, शहर में शराब के कारोबारी अपनी मनमर्जी से शराब की दुकानें चला रहे है।

advertisement

आलम यह है कि शराब की दुकानों पर आबकारी विभाग के नियम कायदे नहीं चलते है। बल्कि यहां उनके बनाए नियम कायदे ही चलते है। दो तालाब वाली दुकान के बाहर तो अब रोड पर लोग गाड़ी पार्क करने लगे है। ऐसे में वहां से अन्य वाहनों को निकलने की जगह भी नहीं रहती है। इस पर आए दिन वहां विवाद की स्थिति निर्मित होती हैं।

ऐसा बोल रहे हैं शहरवासी

शराब की दुकानों से कई लोगों की भरती है जेब, तो मनमानी करने से कौन रोकेगा, सबके अपने स्वार्थ है…– गोपाल सिंह

पुलिस को सबसे ज्यादा वही से तो मिल रहा है। जय हो मामा की।-पीयूष प्रतीक

शराब की दुकान की कमाई ज्यादा होती है और पैसा फेंक के बहुत कुछ खरीदा जा सकता है। समझिए। -फैज एहमद फैज।

वहां से पुलिस वालों को पैसे मिलते हैं इसलिए वहां कुछ नहीं बोलते हैं। आम दुकानदारों को अपशब्द और रिश्वत मांगते है खुलेआम।-अमित त्रिवेदी

सारे पुलिसये अंधे हो गए हैं।-सुनील बारोड

शराब ठेकों से सरकार और पुलिस दोनों की मोटी कमाई होती है इसलिए उनको क्यों बंद करवाएंगे?– सन्नी खंडेलवाल

दो तालाब वाली दुकान के बाहर तो अब रोड तक लोग गाड़ी पार्क करने लगे है, कार निकलने की जगह भी नही रहती और अगर किसी को गाड़ी साइड में करने को कह दो, तो नशे में दादा पहलवानी करने लग जाता है।– शुभम जैन

इन कुछ दिनों में शायद आपने गौर नहीं किया होगा शायद शराब की दुकानें दोगुने से भी ज़्यादा हो गई हैं और अब देशी विदेशी एक जगह…झंझट ही खत्म….. जल्द ही उड़ता मध्यप्रदेश मतलब मध्य प्रदेश भी देखने को मिलेगी।– जितेंद्र पंड्या

शराब मालिक क्षेत्रीय थानों के कमाऊ पुत्र है।-राजेन्द्रसिंह चौहान

Related Articles

close