उज्जैनवासियों के लिए गर्व का पल…प्रदेश के मस्तक पर ‘मोहन’ तिलक

By AV NEWS

महाकाल, शिप्रा और सिंहस्थ के बाद अब डॉ. यादव भी बने देशभर में उज्जैन की पहचान

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:उज्जैन संभाग से मध्य प्रदेश की कुर्सी तक पहुंचने वाले डॉ.मोहन यादव छठवें नेता है। इसके पहले कैलाशनाथ काटजू, प्रकाशचंद्र सेठी, कैलाश जोशी, वीरेंद्र कुमार सकलेचा और सुंदरलाल पटवा उज्जैन संभाग के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। यह संजोग है कि १५ दिसंबर १९९२ तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। अब १३ दिसंबर २०२३ को डॉ.मोहन यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे है।

सेठी जी के बाद अब अवसर

उज्जैन संभाग ने प्रदेश को नेता मुख्यमंत्री के तौर पर दिए है। इनमें से एक प्रकाशचंद्र सेठी का निर्वाचन क्षेत्र उज्जैन उत्तर था। इस बार अब उज्जैन दक्षिण को मौका मिल गया है।

छात्र संघ चुनाव की उम्मीद

प्रदेश में अब छात्र संघ चुनाव का रास्ता साफ होता दिख रहा है, क्योंकि नए मुख्यमंत्री मोहन यादव नई लीडरशिप को आगे बढ़ाने के पक्षधर हैं। मध्यप्रदेश में 2017 से कॉलेजों में छात्र संघ के चुनाव नहीं हुए हैं। डॉ.मोहन यादव ने इटारसी में (25 अगस्त 2022 को) एक बयान दिया था कि मध्यप्रदेश में अगले साल छात्र संघ के चुनाव होंगे। इस पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लेंगे। अब डॉ. यादव खुद मुख्यमंत्री हैं।

दूसरी लाइन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी

भाजपा ने डॉ. मोहन यादव को न केवल मुख्यमंत्री बनाकर प्रदेश को आगे बढ़ाने का दायित्व दिया है,बल्कि राजनीति में नई पीढ़ी और दूसरी लाइन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी है। डॉ. मोहन यादव का मुख्यमंत्री बनना भाजपा की रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है। पार्टी अब प्रदेश की राजनीति में नई पीढ़ी को आगे लाना चाहती है। यादव की उम्र 58 साल है। यह पुराने नेताओं को साफ संदेश है कि अब राज्य में सेकंड लाइन लीडरशिप को कमान मिलने जा रही है। यह एक बड़ा बदलाव है।

ब्रॉडशीट समारोह में बोले थे डॉ. यादव… अक्षर विश्व ने क्वॉलिटी से कॉम्प्रोमाइज नहीं किया…

अक्षरविश्व ब्रॉडशीट अंक लोकार्पण समारोह में तात्कालिन उच्च शिक्षा मंत्री, अब प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुभकामनाएं जाहिर करते हुए कहा था अक्षरविश्व ने क्वालिटी से कभी कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं किया। अक्षर विश्व वह अखबार है जिसमें अपने काम में बाल बराबर कमी नहीं आने दी। अखबार के साथ डिजीटल का जो जमाना आया है उस ओर भी अक्षर विश्व ने आगे कदम बढ़ाया है। यह बहुत बड़ी बात है।

देश में सबसे पहले एमपी में लागू की थी शिक्षा नीति…

मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में लागू हुई थी। इसी के साथ मध्यप्रदेश देश में नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य बन गया था। शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो गई है। इस दौरान डॉ. मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री थे।

विक्रमोत्सव… हिंदू नववर्ष गुड़ी पड़वा पर

हर साल उज्जैन में होने वाले विक्रमोत्सव को भव्य स्वरूप देने का श्रेय भी डॉ. यादव को दिया जाता है। 20 वर्ष पहले… मोहन यादव को 2003 में पार्टी ने उज्जैन जिले की बडऩगर सीट से टिकट दिया था, लेकिन वहां कार्यकर्ताओं ने शांतिलाल धबाई को टिकट की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। यादव ने संगठन की बात को मानकर तत्काल टिकट लौटा दिया।

दो बच्चे डॉक्टर और एक एलएलबी

डॉ. मोहन यादव के दो बच्चे डॉ. आकांक्षा यादव, डॉ. अभिमन्यु यादव ने एमबीबीएस की पढ़ाई की है जबकि एक पुत्र वैभव ने एलएलबी की पढ़ाई की है। डॉ. आकांक्षा यादव का विवाह हो चुका है और उनके पति भी डॉक्टर हैं।

सरकारी स्कूलों में हुई 12 वीं तक पढ़ाई

डॉ. मोहन यादव की बड़ी बहन और नगर निगम अध्यक्ष श्रीमती कलावती यादव ने बताया कि भाई ने कक्षा 8 वीं तक बुधवारिया के मिडिल स्कूल में पढ़ाई की और उसके बाद 9 वीं कक्षा से उन्होंने जीवाजीगंज हायर सेकेण्डरी स्कूल में दाखिला लिया। वहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने साइंस कॉलेज में एडमिशन लिया था।

पत्नी बोलीं- मेहनत का फल मिला

डॉ. मोहन यादव के भरेपूरे परिवार में पत्नी, बच्चों और भाई बहनों के अलावा वयोवृद्ध पिता हैं। उन्हें जब छोटे बेटे के प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का समाचार मिला तो वह खुश हुए और उन्हें आशीर्वाद भी दिया। डॉ. यादव की पत्नी सीमा यादव ने अक्षर विश्व से चर्चा में कहा कि उन्होंने जनसेवा का बीड़ा उठाकर शहर और प्रदेश के विकास के लिये जो काम किये हैं उसी से प्रेरित होकर भाजपा के वरिष्ठजनों द्वारा उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। सीमा यादव ने कहा- मेहनत का फल अच्छा होता है। हमारी खुशी का ठिकाना नहीं है। भगवान महाकाल ने मेहनत का फल दिया है।

5 भाई बहनों में सबसे छोटे

श्रीमती यादव ने बताया कि डॉ. मोहन यादव 5 भाई बहन हैं जिनमें बड़े भाई नंदलाल यादव, नारायण यादव, बहन कलावती यादव, बहन शांति यादव हैं और भाई बहनों में मोहन यादव सबसे छोटे हैं।

डॉ.मोहन यादव के लिए प्लस पाईंट

आरएसएस की पसंद- डॉ.मोहन यादव आरएसएस के करीबी है। उन्होंने राजनीतिक की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की और अलग-अलग पदों पर रहे। आरएसएस की पसंद का लाभ मिला।

ओबीसी चेहरा- भाजपा ने आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ की तर्ज पर मध्य प्रदेश में ओबीसी के चेहरे को आगे बढ़ाया। प्रदेश में ओबीसी वर्ग की संख्या 50 प्रतिशत के करीब है। सीएम शिवराज भी ओबीसी से आते है। ओबीसी से ओबीसी को रिप्लेस किया।

यूपी-बिहार को संदेश- मध्य प्रदेश में यादव कार्ड खेल कर उत्तर प्रदेश और बिहार को साधने का प्रयास। अगले साल लोकसभा चुनाव है। दोनों राज्यों में 120 लोकसभा सीटें है। दोनों ही राज्यों में यादवों का खासा प्रभाव है। पूरे देश में करीब 12 करोड़ यादव वोटर है।

लो प्रोफाइल- मोहन यादव को लो प्रोफाइल और अनुभव का भी फायदा मिला। यादव तीन बार के विधायक और पिछली सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे। नए चेहरे के बावजूद सरकार चलाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। पार्टी ने एक कार्यकर्ता के रूप में बड़ा इनाम दिया।

जीवन परिचय

डॉ. मोहन यादव

पिता – पूनमचंद यादव

जन्म तिथि- 25 मार्च, 1965

जन्म स्थान – उज्जैन

वैवाहिक स्थिति- विवाहित

पत्नी- श्रीमती सीमा यादव

संतान – 2 पुत्र, 1 पुत्री

शैक्षणिक योग्यता – बी.एस.सी., एल-एल.बी., एम.ए. (राज. विज्ञान), एम.बी.ए., पी.एच.डी.

व्यवसाय- अभिभाषक, व्यापार, कृषि।

सार्वजनिक एवं राजनीतिक जीवन का संक्षिप्त विकास क्रम-

सन् 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव एवं 1984 में अध्यक्ष, सन् 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री एवं 1986 में विभाग प्रमुख, सन् 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री तथा सन् 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री बने।

सन् 1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खण्ड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह एवं 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह बने। सन् 1997 में भा.ज.यु.मो. की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य. सन् 1998 में पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य मनोनीत किये गये।

सन् 1999 में भा.ज.यु.मो. के उज्जैन संभाग प्रभारी, सन् 2000-2003 में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की कार्य परिषद के सदस्य बनाये गये। सन् 2000-2003 में भा.ज.पा. के नगर जिला महामंत्री एवं सन् 2004 में भा.ज.पा. की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य बने।

सन् 2004 में सिंहस्थ, मध्यप्रदेश की केन्द्रीय समिति के सदस्य, सन् 2004-2010 में उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा), सन् 2008 से भारत स्काउट एण्ड गाइड के जिलाध्यक्ष, सन् 2011-2013 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष (केबिनेट मंत्री दर्जा). भा.ज.पा. की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य बने।

सन् 2013-2016 में भा.ज.पा. के अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के सह-संयोजक, उज्जैन के समग्र विकास हेतु अप्रवासी भारतीय संगठन शिकागो (अमेरिका) द्वारा महात्मा गांधी पुरस्कार और इस्कॉन इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा सम्मानित, मध्यप्रदेश में पर्यटन के निरंतर विकास हेतु सन् 2011-2012 एवं 2012-2013 में राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत,

सन् 2013 में चौदहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए।

सन् 2018 में दूसरी बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए और 2 जुलाई, 2020 को उच्च शिक्षा मंत्री पद की शपथ ली और दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया।

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