ऋषिपंचमी पर महिलाओं ने रखा व्रत, मोरधन ग्रहण किया
आंधी झाड़ा से स्नान, सप्तऋ षि का पूजन
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन/भादौ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी ऋषिपंचमी के रूप में परंपरानुसार मनाई जा रही है। बुधवार को महिलाओं ने ऋषिपंचमी का व्रत कर शिप्रा नदी में आंधी झाड़ा की पत्तियों से स्नान के बाद विधि-विधान से सप्तऋ षि का पूजन किया। मंदिर में कथा श्रवण के बाद ही महिलाओं द्वारा मोरधन का ही उपयोग भोजन के रूप में किया है।
ऋषिपंचमी के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और पूरे साल में हुए ज्ञात अज्ञात के दोषों के निवारण हेतु शिप्रा स्नान व सप्तऋषियों का पूजन करती हैं। सुबह से रामघाट पर महिलाओं द्वारा आंधी झाड़ा सिर पर रखकर शिप्रा स्नान किया। महाकाल मंदिर परिसर स्थित सप्त ऋषि मंदिर में भी महिलाओं की सुबह से भारी भीड़ रही है और यहां पूजन-अर्चन चल रहा है। इसी तरह गया कोठा स्थित सप्तऋषि मंदिर में भी सुबह से दर्शन के लिए महिलाओं की कतारें लग रही हैं।
महिलाओं को परेशानी
ऋषिपंचमी के दिन 7 ऋषियों की पूजा का विधान है। महाकाल मंदिर परिसर स्थित सप्त ऋषियों के मंदिर होने से बड़ी संख्या में महिलाएं पूजन के लिए पहुंचती है। बुधवार को सप्त ऋषियों मंदिर में रोशनी के इंतजाम नहीं होने के कारण महिलाओं को अंधेरे में पूजन करना पड़ा। वहीं पानी और सफाई का अभाव भी था। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने इस ओर ध्यान नहीं दिया जबकि सभी मंदिर महाकाल परिसर में आते हैं।