हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है. हर माह में कृष्ण और शुक्ल दो पक्ष होते हैं, दोनों पक्षों की ग्याहरवीं तिथि को एकादशी कहते हैं. इस तरह से हर महीने दो यानी साल में 24 एकादशी आती हैं. प्रति माह दो एकादशी का व्रत रखा जाता है. एकदशी व्रत में भगवान विष्णु की विशेष आराधना और पूजा की जाती है.
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की ग्याहरवीं तिथि को पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) का व्रत रखा जाता है. इस बार 27 अक्टूबर यानी मंगलवार को पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस एकादशी पर भगवान पद्मनाभ की पूजा की जाती है. एकादशी तिथि पर वास्तु (Vastu Shastra) के अनुसार कुछ खास उपायों से परेशानी दूर करके सफलता प्राप्त की जा सकती है.
पापांकुशा एकादशी के व्रत की विधि
Papankusha Ekadashi के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। स्वच्छ होने के बाद आसन पर विराजित होकर व्रत का संकल्प लें। घर के पूजा स्थान पर एक कलश की स्थापना करें। कलश के ऊपर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र की स्थापना करें। स्थापित प्रतिमा या चित्र के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं, धूपबत्ती लगाएं। सुगंधित फूल, नारियल, मिष्ठान्न, ऋतुफल और तुलसी दल समर्पित करें। इसके बाद विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। पाठ करने के बाद श्रीहरी की आरती उतारें। संभव हो तो रात्रि जागरण करें और भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन करें।
आइए जानते हैं एकादशी तिथि के वास्तु टिप्स…..
- एकादशी पर संध्याकाल में गाय के घी का दीपक घर के उत्तर पूर्व दिशा में जलाने से आर्थिक स्थिति बेहतर होती है.
- एकादशी पर घर में वृक्षारोपण करें और तुलसी का एक पौधा घर के पूर्व दिशा में लगाएं.
- विवाह संबंधी परेशानी दूर करने के लिए इस दिन केले के वृक्ष की जड़ में दीपक जलाएं.
- अगर दाम्पत्य जीवन खराब है और बेडरूम सही दिशा में नहीं है तो एकादशी के दिन घर की छत पर गेंदे के पुष्प का पौधा लगाएं. एक पीला ध्वजा लगाने से बृहस्पति मजबूत होता है.
- संतान संबंधी समस्या दूर करने के लिए इस दिन दम्पति को आंवले का पौधा घर के आंगन में लगाना चाहिए.