उज्जैन। परीक्षित भगवान का ऐसा भगत जिसने जन्म नहीं लिया उसके पहले ही भगवान ने मां के गर्भ में जाकर उसको दर्शन दिया। उक्त बात पं. सुनील कृष्ण व्यास बेरछा मंडी वालों ने राजा परीक्षित का वृत्तांत सुनाते हुए कहे। नागर धर्मशाला मारुतिगंज में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन की कथा में पं. व्यास ने भागवत की रचना की कथा को सुनाते हुए कहा कि नारदजी ने वेदव्यास को कहा कि कलयुग में भगवान नाम का आश्रय ही भवसागर पार कराता है। भीष्म पितामह के मोक्ष की कथा का वर्णन सुनाते हुए कहा 56 दिनों से बाणों की शैया पर पड़े हुए भीष्म पितामह ने अपने भजन के बल पर जीवन के अंतिम समय में भगवान श्री द्वारिकाधीश के दर्शन पाए।