किस दिन मनाएं ‘भाई दूज’ 26 या 27 अक्टूबर? जानें दोनों दिन के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

By AV NEWS

भाई दूज तिथि ठीक गोवर्धन पूजा के अगले पड़ती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि पर भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. इस साल भाई दूज की तारीख को लेकर लोग कन्फ्यूज हैं. कुछ का लोगों का मनाना है कि गोवर्धन पूजा के साथ ही 26 अक्टूबर को ही इस बार भाई दूज भी मनाया जायेगा वहीं कुछ का मानना है

कि उदया तिथि के अनुसार 27 अक्टूबर को भाई दूज मनाया जायेगा. हिंदू धर्म में रक्षाबंधन की तरह की भाईदूज का त्योहार भी विशेष महत्व होता है. इसमें भाई का मतलब भईया और दूज का मतलब द्वितीया तिथि से है. इस लिए द्वितीया तिथि में ही भाई दूज की रस्में पूरी की जायेंगी. इसे यम द्वितीया भी कहते हैं. इस दिन बहनें भाई का तिलक करती हैं और उसके भाग्योदय व लंबी उम्र की कामना करती हैं.

26 अक्टूबर का शुभ मुहूर्त

26 अक्टूबर का शुभ मुहूर्त अगर आप भाई दूज का त्योहार मनाने वाले हैं तो द्वितीय तिथि प्रारंभ होने के बाद दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक पूजा और तिलक का शुभ मुहूर्त बन रहा है. इस दिन दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 42 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा. इसके बाद शाम 05 बजकर 41 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 07 मिनट तक गोधुलि मुहूर्त रहेगा. 26 अक्टूबर को भाई दूज मनाने वाली बहनें इनमें से किसी भी मुहूर्त में भाई का तिलक कर सकती हैं.

27 अक्टूबर का शुभ मुहूर्त

27 अक्टूबर का शुभ मुहूर्त जो लोग गुरुवार, 27 अक्टूबर को भाई दूज का त्योहार मनाने वाले हैं, वे सुबह 11 बजकर 07 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक भाई दूज मना सकेंगे. इसके अलावा, सुबह 11 बजकर 42 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. इसमें भाई को तिलक करना बहुत ही शुभ रहेगा.

भाई दूज पूजा विधि

धार्मिक मान्यता के अनुसार, भाई दूज के दिन बहन और भाई दोनों सुबह उठकर स्नान करें और घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। इसके बाद साफ वस्त्र पहनकर सबसे पहले सूर्य देव को जल अर्पित करें. इसके बाद शुभ मुहूर्त में भाई पूजा की थाली तैयार करें. पूजा की थाली में रोली, चंदन, अक्षत और धूप-दीप, मिठाई रखें. दीप जलाकर भाई की आरती उतारें. उसके बाद उनके माथे पर चंदन का तिलक लगाएं. तिलक लगाते वक्त “भ्रातस्तवानुजाताहं भुंक्ष्व भक्तमिमं शुभं, प्रीतये यमराजस्य यमुनाया विशेषत:” इस मंत्र को बोलें.

शुभ मुहूर्त में भाई को तिलक लगाने से उन्हें जीवन में सफलता प्राप्त होती है और आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। इसके बाद भाई को मिठाई खिलाएं. अगर भाई से बड़ी हैं तो उन्हें माथे पर हाथ रखकर आशीर्वाद दें. अगर बहन भाई को छोटी हैं तो भगवान से उनकी लंबी उम्र की कामना करें. भाई दूज की पूजा के बाद भाई को भोजन कराएं. इस दिन भाई भी अपनी बहन को कुछ ना कुछ उपहार जरूर भेंट करें।

Share This Article