Monday, September 25, 2023
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धनतेरस से पूरे वर्ष घर में धन आगम रहे इसके लिए ये उपाय करें

इस बार धनतेरस दो दिन मनाया जा रहा है। धनतेरस पर माता लक्ष्मी, कुबैर और धनवंतरी की पूजा की जाती है।धनतेरस इस बार 22 अक्टूबर और 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। जीवन में सुख संपदा के लिए धनतेरस से आरंभ पंचदिवसीय महापर्व शरू हो जाता है। इस दिन ऐसे उपाय किए जाते हैं, जिससे साल भर धन का आगम बना रहे। इस बार धनत्रयोदशी शनिवार के दिन पडऩे के कारण शनिवार के दिन लोहे का बर्तन या सामान खरीदने से बचे हैं अगले दिन अर्थात रविवार को शुभ मुहूर्त में आप खरीद सकते हैं।

  • धनतेरस अर्थात धन्वंतरि जयंती के पवित्र अवसर पर प्रदोष काल में घर के सभी सदस्य एक साथ पूजा स्थल पर बैठकर प्रसन्न चित मन से माता लक्ष्मी ,धन्वंतरी महाराज ,कुबेर एवं अपने ईष्ट देव की प्रार्थना करें।
  • इन दिनों घर में किसी भी प्रकार के कलह से बचे रहें ।
  • घर के दरवाजे पर कोई भी गरीब, बच्चा, अंग से भंग अथवा बुजुर्ग आ जाए तो उसके साथ गलत व्यवहार बिल्कुल भी ना करें । यदि कोई कार्य आपके सामर्थ्य से बाहर है तो हाथ जोड़कर विनम्रता पूर्वक उसे मना करें कठोर व्यवहार बिल्कुल भी न करें।
  • धनतेरस के दिन घर मे झाड़ू अवश्य खरीदकर लावें एवं शुभ मुहूर्त में पूजन करें।
  • धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में साबुत सुखा धनिया के बीज खऱीदकर घर मे रखने से परिवार में धन संपदा बढ़ती है।
  • धनतेरस के दिन हल्दी और चावल पीसकर घोल बना ले और उसी से घर के दरवाजे पर ? लिखे, शुभ लाभ लिखे, स्वस्तिक बनाये। वर्ष भर धन का आगमन बना रहेगा।
  • माता लक्ष्मी ,कुबेर एवं धन्वन्तरि महाराज की पूजा आराधना शुभ मुहूर्त में ही क्योंकि शुभ मुहुर्त्त में किया कार्य या पूजा ज्यादा शुभ फल दायक होता है।
  • इन दिनों पूजा स्थल में शंख की पूजा करने के बाद जरूर बजाएं।
  • धनतेरस को शुभ मुहूर्त में जो कलश खरीद कर लाए हैं। उसे घर के बाहर मेन गेट के बाद जो घर में प्रवेश द्वार है। उसके दोनों तरफ कलश में कुमकुम, रोली ,चंदन, अक्षत, सुपारी, दूर्वा, आम का पल्लव, पुष्प और सिक्का डालकर पांच दिन तक रखे रहें।
  • कमल गट्टे की माला से माता लक्ष्मी के किसी मंत्र का जप शुभ मुहूर्त में करने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
  • इन दिनों घर, आफिस, दुकान, प्रतिष्ठान को साफ सुथरा रखते हुए सुगंधित फूलों से सजावे। घर के वातावरण को खुशनुमा बनाते हुए घर के अंदर एवं बाहर दीप प्रज्वलित करें । सायं काल दीपक प्रज्वलित करके घर या प्रतिष्ठान सभी जगह खूब प्रकाश करें।
  • अपने सामर्थ्य के अनुसार धातु के बर्तन एवं कलश खऱीदकर लाएं। यदि धातु के बर्तन या कलश खरीदने में कोई समस्या हो तो मिट्टी के कलश से भी पूजा किया जा सकता है।
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