पानी खूब है तो बेकार मत बहाओ सरकार, पार्षद को…
‘जवाब मिला ढुलता है तो ढुलने दो पानी’
क्योंकि… कर्मचारी ने कहा हमारे पास न सामान है न पैसा, अफसरों ने अटेंड नहीं किए पार्षद के मोबाइल अंकपात क्षेत्र में हनुमान मंदिर के सामने छह माह से बह रहा पानी
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:इस बार दो दिन में इंद्रदेव ने खूब पानी भर दिया, लेकिन अफसरों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण अब यह बेकार भी बहने लगा है। शुक्रवार को भी अंकपात क्षेत्र में हनुमान मंदिर के पास पानी खूब बहा। पिछले पांच छह माह से यही स्थिति है। क्षेत्रीय पार्षद हेमंत गेहलोत ने सुबह इसकी सूचना तत्काल देनी चाही पर जिम्मेदार अफसरों ने मोबाइल ही अटेंड नहीं किए। कर्मचारी ने टका सा जवाब देते हुए कहा हमारे पास न पैसा है न सामान, ढुलता है तो ढुलने दो पानी।
इस बार सितंबर के आखिरी दिनों में अच्छी बारिश ने गंभीर डेम को लबालब भर दिया है, लेकिन पीएचई की कई लाइनें जगह जगह लिकेज होने की समस्याएं हो रही हैं। इससे घरों में मटमैला पानी पहुंचने की शिकायतें भी आ रहीं। अंकपात क्षेत्र में कुछ दिनों से पाइप लाइन फूट गई है। इस कारण उत्तरामुखी हनुमान मंदिर के पास रोज पानी बहकर नाली में जा रहा। शुक्रवार सुबह पार्षद गहलोत ने इसकी शिकायत अधिकारियों से करना चाही तो किसी ने मोबाइल ही अटेंड नहीं किया।
कई जगह लाइनें लीकेज
शहर में कई जगह लाइन लीकेज होने की शिकायतें पीएचई को मिल रही हैं। केडी गेट रोड पर चौड़ीकरण कार्य के कारण ज्यादा समस्याएं आ रहीं। अन्य जगहों पर भी लाइनें लिकेज हो रहीं। इससे मटमैला पानी घरों में सप्लाई हो रहा। इसकी बड़ी वजह यह बताई जा रही कि अमृत योजना में स्वीकृत राशि के 170 करोड़ रुपए राज्य सरकार से मिलना बाकी है। इसके लिए महापौर खुद नगरीय प्रशासन विभाग से मिल कर राशि देने की बात कह चुके। 30 करोड़ की जो राशि पहले आई थी, उससे केवल दक्षिण क्षेत्र में टंकी बनाने और लाइन बिछाने का काम ही हो सका।
स्वीकृति के चक्कर में नहीं हो रही रिपेयरिंग!
पीएचई के जानकारों की मानें तो लिकेज की जगह गड्ढे इसलिए नहीं खोदे जा रहे, क्योंकि लाइन जोडऩे वाला कर्मचारी भी मौके पर उपस्थित रहना चाहिए। लाइन जोडऩे के लिए रिपेयरिंग कार्य में होने वाले खर्च की स्वीकृति और जरूरी पार्ट्स भी चाहिए। स्वीकृति नहीं मिल पाने से भी कर्मचारी लाइनें जोड़ नहीं पा रहे।
अंकपात क्षेत्र में पिछले पांच छह माह से बीच रोड पर पानी बह रहा है। आज सुबह एक कर्मचारी से शिकायत की तो उसने कहा हमारे पास न पैसा है न सामान। पानी ढुलता है तो ढुलने दो। अधिकारियों ने मोबाइल नहीं उठाए। हेमंत गेहलोत, पार्षद