उज्जैन। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति श्रद्धालुओं की सुविधा और व्यवस्था के कितने भी प्रयास-जतन कर लें,पर कुछ होते जो नियम-कायदे और गाइडलान का पालन ही नहीं करना चाहते है। ऐसा नहीं है कि सभी ऐसा करते है। कई ऐसे भी रहते है जो स्थिति कैसी भी हो नियम नहीं तोड़ते है।
इसी तरह की दो तस्वीर महाकाल मंदिर के प्रोटोकॉल गेट पर फोटोजर्नजिस्ट मुकेश पांचाल ने शनिवार शाम को अपने कैमरे में कैद की है। एक सकारात्मक फोटो है,जिसमें नजर आ रहे वर्दीधारी अपने परिवार के साथ महाकाल मंदिर आए थे। प्रोटोकॉल गेट से मंदिर में प्रवेश किया,लेकिन उन्होंने बकायदा विशेष दर्शन का सशुल्क टिकट भी लिया और कतार में खड़े होकर प्रवेश किया। सशुल्क टिकट उनके हाथ में भी नजर आ रहा है।
दूसरी फोटो नकारात्मक है। यहां एक अन्य वर्दीधारी भी महाकाल दर्शन के लिए परिवार के साथ आए और मंदिर प्रोटोकॉल गेट से मंदिर में प्रवेश का प्रयास किया। गेट पर मंदिर समिति सेवकों ने प्रोटोकॉल के नियम का हवाला देकर २५० रु. लेने को कहा तो वर्दीधारी ने काफी जद्दोजहद-बहस-विवाद कर बगैर टिकट लिए ही प्रोटोकॉल गेट से ही मंदिर में प्रवेश किया। हद तो यह हो गई कि वर्दीधारी अपने और परिवार के जूते-चप्पल हाथों में लेकर मंदिर में प्रवेश किया। पहले विवाद हो गया तो मंदिर सेवकों ने ऐसा करने से रोका भी नहीं…।
महाकाल मंदिर के 500 मीटर में भवन अनुज्ञा
उज्जैन। महाकाल क्षेत्र में अब 500 मीटर क्षेत्र में भवन अनुज्ञा मिलने लगेगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कलेक्टर आशीष सिंह को निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन ने महाकाल क्षेत्र में 500 मीटर परिधि में आने वाले भवनों की अनुज्ञा पर मौखिक आदेश से रोक लगा दी थी। इसके बाद विधायक पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल और मैंने सीएम को पत्र लिखे थे।विधायक ने मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इसके आदेश जिला प्रशासन को दिए। कलेक्टर के आदेश पर जिला प्रशासन ने इस परिधि में भवन अनुज्ञा देना शुरू कर दिया है।