1400 से 1500 सिलेंडर रोजाना भरे जा सकेंगे
उज्जैन। ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा विविध स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में शहर के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में एक ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट स्थापित किया गया है। 13 टन क्षमता के इस प्लांट से तकरीबन रोजाना 1500 मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सकेगी। यह शहर के अस्पताल में लगाया गया पहला ऑक्सीजन प्लांट है। जिसमें 13 टन लिक्विड ऑक्सीजन को स्टोर किया जा सकता है। गौरतलब है कि शासन से अनुमति मिलने के बाद 26 अप्रैल की रात को मुम्बई से आई कंपनी की टीम ने आरडी गार्डी अस्पताल में 13 टन क्षमता वाले ऑक्सीजन भंडारण प्लांट को स्थापित किया। प्लांट में प्रतिदिन 1400 से 1500 सिलेंडर भरने की क्षमता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शासन ने पूरे प्रदेश के ऐसे प्लांटों को अधिग्रहित किया है, ताकि यहां की ऑक्सीजन कोविड-19 के मरीजों के काम आ सके।
तेजनकर: आक्सीजन कमी से एक मौत
तेजनकर अस्पताल में 120 सिलेंडर रोज ऑक्सीजन लगती है। यहां एक दो घंटे के अंतराल से 8 से 10 सिलेंडर ऑक्सीजन आ रही है। मैनेजनेंट सदस्य अनिल तेजनकर का कहना है कि 52 कोरोना के मरीज भर्ती हैं। एक मरीज की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई थी। क्योंकि ऑक्सीजन खत्म हो गई थी और प्रशासन से हमारे पास नहीं पहुंच पाई थी। हमने नए पैसेंट लेना बंद कर दिया है। केवल इमरजेंसी वाले पैसेंट ले रहे हैं।
इमरजेंसी में ऑक्सीजन का उपयोग अन्य अस्पतालों में होगा
आरडी गार्डी अस्पताल में लगाया गया ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट आज से कार्य करना शुरू कर देगा। इससे यहां भर्ती 300 मरीजों को करीब एक सप्ताह तक ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सकेगी। वहीं इमरजेंसी होने पर शहर के अन्य अस्पतालों में उपयोग में लाए जा रहे ऑक्सीजन के सिलेंडरों को भी भरा जा सकेगा। फिलहाल हम यहां आइसोलेशन बेड की संख्या बढ़ाने पर भी विचार कर रहे हैं।
– नवल चौहान, प्रभारी ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट
एक दिन में 2 टन ऑक्सीजन लगती है 300 मरीजों को
अस्पताल स्टाफ से मिली जानकारी के अनुसार एक दिन में किस मरीज को कितनी ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, यह बताना मुश्किल है। लेकिन आरडी गार्डी में भर्ती करीब 300 मरीजों द्वारा एक दिन में करीब 2 टन ऑक्सीजन का उपयोग किया जाता है।
पाटीदार अस्पताल में 100 से ज्यादा मरीज भर्ती
पाटीदार अस्पताल में आज 100 से ज्यादा कोरोना मरीज भर्ती हैं। यहां 9 मिनट में एक जंबों ऑक्सीजन सिलेंडर लगता है। इसकी आपूर्ति प्रशासन की निगरानी में आ रही है। मैनेजमेंट सदस्य चंदन पाटीदार का कहना है कि पैसेंट हमारी जिम्मेदारी हैं, इसलिए प्लांट पर ही कर्मचारी तैनात कर रखे हैं। काफी जद्दोजहद से ऑक्सीजन मिल रही है। कमी तो बनी हुई है।
प्रशासन ने 12 अस्पतालों में तैनात किए कर्मचारी
कोरोना मरीजों और अस्पताल प्रबंधन की मदद के लिए प्रशासन ने 12 निजी अस्पतालों में एक-एक कर्मचारी तैनात कर दिया है। यह सुबह से शाम तक अस्पताल में कोरोना मरीजों की स्थिति की रिपोर्ट प्रशासन को देते हैं। साथ ही मरीज और अस्पताल प्रबंधन के बीच सामंजस्य बैठाकर उनकी समस्या के निराकरण में मदद करते हैं।