उज्जैन:अब तक 61 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित

By AV NEWS

अधिकांश घरों पर और जिनके परिवार साथ नहीं उन्हें भैरवगढ़ बैरक में दे रहे उपचार

उज्जैन।कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिये स्वास्थ्य विभाग के बाद पुलिस विभाग के अधिकारी और जवान ऐसे फ्रंट लाइन के योद्धा हैं जो अपनी जान की बाजी लगाकर जोखिम उठा रहे हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में अब तक 61 पुलिसकर्मी संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन पुलिस जवानों का हौंसला और हिम्मत अब भी आसमान पर है, यही फ्रंट लाइन के योद्ध अपने देश भक्ति और जन सेवा की जज्बे से मैदान में डंटे हुए हैं।

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से लोगों को बचाने के लिये प्रशासन द्वारा शहर में कोरोना कफ्र्यू लागू किया गया जिसका पालन कराने के लिये पुलिस अधिकारी और जवान चौराहों, कालोनियों और मुख्य मार्गों पर दिन रात ड्यूटी कर रहे हैं। इन पुलिसकर्मियों पर दो जिम्मेदारियां हैं एक तो लोगों को संक्रमण से बचाना और दूसरा स्वयं की भी रक्षा करना। वर्तमान में 61 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से अधिकांश घरों पर क्वारेंटाइन होकर उपचार करा रहे हैं। जो पुलिसकर्मी अपने परिवार के साथ शहर में नहीं रहते उन्हें भैरवगढ़ थाने की नई बैरग में भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। ऐसे पुलिसकर्मियों की संख्या 5-6 है। एसपी से लेकर अन्य अधिकारी संक्रमित पुलिसकर्मियों और अधिकारियों और उनके परिवारजनों के संपर्क में रहते हैं। प्रतिदिन हालचाल पूछते हैं।

सुरक्षा के लिये बांट रहे किट और दवा
एसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, एएसपी अमरेन्द्र सिंह सहित सभी पुलिस अधिकारी फील्ड में तैनात पुलिस जवानों और अधिकारियों के 24 घंटे संपर्क में रहते हैं। समय समय पर फील्ड में पहुंचकर पुलिसकर्मियों को संक्रमण से बचाव के लिये मास्क, सैनेटाइजर और इम्यूनिटी बढ़ाने वाली गोलियां आदि दे रहे हैं। एएसपी अमरेन्द्र सिंह सुबह शाम शहर के प्रमुख पाइंटों पर भ्रमण करते हुए अपने वाहन में रखे मास्क जवानों को देना नहीं भूलते, मास्क के साथ हिदायत भी होती है जरूरत पडऩे पर दो मास्क भी लगाएं। अधिकारी की हिदायत को पुलिसकर्मी भी गंभीरता ले रहे हैं और संदिग्ध क्षेत्रों में दो मॉस्क का प्रयोग कर रहे हैं।

सुरक्षा के साथ सावधानी जरूरी
पुलिस विभाग के हर अधिकारी और जवान फ्रंट लाइन के योद्धा हैं, उनके ऊपर आमजन को नियमों का पालन कराने और उन्हें सुरक्षित करने की जिम्मेदारी है, साथ ही अदृश्य दुश्मन से स्वयं को बचाने हेतु सावधानी बरतना भी जरूरी है। संक्रमित हुए पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाने के साथ उपचार की समुचित व्यवस्था की गई है।
अमरेन्द्र सिंह, एएसपी सिटी

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