उज्जैनमहाकाल क्षेत्र गुंजा..खोल दो सारे रास्ते…बाबा भक्तों के वास्ते

By AV NEWS

श्रावण के तीसरे सोमवार पर उमड़ा आस्था का सैलाब

20 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए महाकाल के दरबार में वेटिंग पर

मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते बंद कर देने से 5 किमी तक पैदल चलना पड़ रहा

उज्जैन।प्रशासन के तमाम निर्देश और नियम को नजरअंदाज कर श्रावण मास के तीसरे सोमवार पर आस्था का सैलाब था। दोपहर तक २० हजार से अधिक श्रद्धालुओं का दर्शन के लिए महाकालेश्वर के दर पर डेरा था। महाकालेश्वर के दर्शन के लिए भक्त दर्शन की राह में अव्यवस्थाएं की बाधा को अनदेखा कर मंदिर पहुंचते रहे। सुबह हुई बारिश में श्रद्धालु भीगे लेकिन कतार में लगे रहे। प्रशासनिक अव्यवस्थाओं ने महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों को बेहाल कर दिया। मंदिर में प्रवेश के इंतजाम की जानकारी नहीं होने के कारण बाहर से आने वाले महाकाल के भक्तों का न केवल इधर-उधर चक्कर लगाने पड़े,साथ ही मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते बंद कर देने से श्रद्धालुओं को 5 किमी तक पैदल चलना पड़ा।

मुश्किल यह थी कि उन्हें कोई बताने वाला नहीं था कि कहां जाना है, कितनी दूर मंदिर है, कहां से कतार लग रही है। रास्ता रोके खड़े पुलिसकर्मी केवल इशारा भर कर रहे हैं। इससे श्रद्धालुओं की मुश्किलें और बढ़ गई है। गुजरात और महाराष्ट्र से आने वाल श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के जय घोष,बोल बंम के साथ प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए खोल दो सारे रास्ते बाबा महाकाल भक्तों के वास्ते का घोष भी बुलंद किया। इसमें स्थानीय श्रद्धालु भी शामिल हो गए। बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आए भक्तों के लिए पिछले दो सोमवारों की तरह इस बार भी फ्री फॉर आल कर दिया गया है। सभी भक्तों के लिए मंदिर के द्वार खोल दिए गए हैं।

महाकाल को बेलपत्रों की विशेष माला अर्पित
महाकाल की नगरी उज्जैन में तीसरे सोमवार को उत्सव का माहौल है। भ्गवान महाकाल की भस्मआरती में बेलपत्रों से बनी विशेष माला अर्पित की गई। भांग, चन्दन, फूल और वस्त्र आदि से भगवान महाकालेश्वर का आलौकिक शृंगार किया गया। इसी दौरान गर्भ गृह के सामने वाले नंदी हाल को भी फूलों से सजाया गया।

भटकते रहे बाहर से आए लोग

महाकालेश्वर के दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु आ रहे हैं। सोवार को दिनभर महाकाल जाने वाले हर रोड पर श्रद्धालुओं के समूह नजर आ रहें थे। व्यवस्था के नाम पर मंदिर के आसपास के इलाकों के रास्ते रोक दिए जाने से श्रद्धालुओं को भटकते हुए पहुंचना पड़ा। मंदिर के आसपास रहने वालों को भी आवागमन में कठिनाई आई। दिन बढऩे साथ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती गई। पुलिस ने इंदौर, देवास, मक्सी, आगर रोड की ओर से आने वाले वाहनों को वेधशाला, चिंतामण ब्रिज, नृसिंहघाट रोड की तरफ से रोक दिया। इससे यात्रियों को वाहन इन्हीं मार्गों पर पार्क कर पैदल चारधाम मंदिर की ओर जाना पड़ा। नागदा, बडऩगर रोड से आने वाले वाहन कालिदास उद्यान के पास से रास्ते बंद होने से कार्तिक मेला ग्राउंड में वाहन खड़े कर लोग मंदिर की ओर पैदल गए। महाकाल ओवर ब्रिज से भी मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते बंद कर दिए थे।

तीसरी सवारी में चंद्रमौलेश्वर, मनमहेश

सोमवार को भगवान महाकालेश्वर की तीसरी सवारी निकाली जाएगी। शाम 4 बजे मंदिर से सवारी शुरू होगी। पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश स्वरूप के दर्शन होंगे। सवारी छोटे रूट पर ही निकाली जाएगी। सवारी में पुजारी, पंडे और कहार ही शमिल होंगे। सवारी में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया समिति की वेबसाइट व सभी स्थानीय चैनलों एवं सोशल मीडिया पेज व मोबाइल एप पर भगवान की सवारी का सीधा प्रसारण (लाइव) किया जाएगा। सवारी मंदिर के मुख्य द्वार से बड़ा गणेश होती हुई हरसिद्धि पाल नरसिंह घाट से क्षिप्रा नदी पहुंचेगी। पूजन के बाद रामानुजकोट आश्रम, हरिद्धि द्वार होते हुए शाम 6 बजे तक मंदिर लौटेगी।

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