उज्जैन-गंभीर@1867: डेम में 233 दिन का पानी

By AV NEWS

यशवंत सागर से पानी की आवक जारी, शाम तक पूरी क्षमता से भरने की संभावना

उज्जैन।गंभीर जलसंकट की कगार पर खड़ा शहर अब गंभीर डेम में लगातार स्टोर हो रहे पानी के बाद पेयजल संकट से बाहर हो गया है। मौसम में लगातार हो रहे बदलाव और इंदौर-उज्जैन संभाग में बारिश के कारण डेम में पानी की आवक बनी हुई है। पीएचई अफसरों को भरोसा है कि डेम अपनी पूरी क्षमता से भर जायेगा। पिछले 8 दिनों से गंभीर डेम में 100 एमसीएफटी से ऊपर प्रतिदिन पानी स्टोर हो रहा है। बीती रात यशवंत सागर का एक गेट तीन घंटों के लिये खोला गया था। बुधवार सुबह डेम में 1719 एमसीएफटी पानी स्टोर था जो गुरुवार दोपहर तक बढ़कर 18६७ एमसीएफटी हो गया, जबकि डेम में पानी की आवक लगातार बनी हुई थी। पीएचई उपयंत्री राजीव शुक्ला ने बताया कि यदि यशवंत सागर के कैचमेंट एरिया में एक-दो बार तेज बारिश होती है तो पूरा पानी गंभीर डेम को मिलेगा जिससे डेम अपनी पूरी क्षमता से भरने के साथ संभावना है कि गेट भी खोलना पड़े। हालांकि शहर में बारिश का सिलसिला थमने के बाद पेयजल के अन्य स्त्रोत उण्डासा व साहेबखेड़ी तालाब अपनी क्षमता से नहीं भर पाये हैं वहीं शिप्रा नदी का जलस्तर भी कुछ कम हुआ है।

छोटे पुल से जान जोखिम में डालकर निकल रहे लोग

बुधवार को शिप्रा नदी के छोटे पुल से 3 फीट पानी ऊपर बह रहा था। सुबह छोटे पुल से करीब आधा फीट पानी ऊपर से बह रहा था। जलस्तर कम होने के बाद लोगों ने पैदल और वाहनों से पुल से आवागमन शुरू कर दिया था। नदी के पानी में तेज बहाव बना हुआ होने के बावजूद जान जोखिम में डालकर लोग आवागमन कर रहे थे। पुलिस द्वारा पुल पर आवागमन प्रतिबंधित कर दोनों ओर बेरिकेड्स लगाये हैं जिन्हें लोगों ने हटा दिया, यहां कोई पुलिसकर्मी ड्यूटी पर तैनात नहीं था।

शरद सम्पात के साथ सुबह कोहरा छाया

आज से सूर्य दक्षिणी गोलाद्र्ध एवं तुला राशि में प्रवेश करेगा। इस प्रक्रिया को शरद सम्पात कहते हैं। आज दिन व रात 12-12 घंटे के रहेंगे और कल से दिन छोटे होने लगेंगे। 22 दिसम्बर को भारत सहित उत्तरी गोलाद्र्ध में दिन सबसे छोटा तथा रात सबसे बड़ी होगी। मौसम प्रेक्षक राजेन्द्र गुप्त ने बताया कि शरद सम्पात शुरू होने के साथ वातावरण में भी बदलाव शुरू हो चुका है। सुबह कोहरा छाया और मौसम में ठंडक घुल गई। हालांकि पंचांग के अनुसार शरद ऋतु की शुरूआत शरद पूर्णिमा से मानी गई है।

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