उज्जैन में पहली बार प्रदेश सरकार की कैबिनेट मीटिंग
महाकाल कॉरिडोर का नाम तय हुआ “महाकाल लोक”
उज्जैन में होगा हवाई पट्टी का विकास, 41 करोड़ भूअर्जन, 39 करोड़ विकास हेतु हवाई पट्टी उज्जैन के लिए स्वीकृत
उज्जैन पुलिस बेंड में शामिल होंगे 36 कर्मचारी, वृहद होगा बेंड का स्वरूप
शिप्रा कलकल और प्रवाहमान रहे इसलिए रिवर लेक फ्रंट की तर्ज पर होगा घाटों का विस्तार
मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक उज्जैन में शुरू हो गई है, इसकी अध्यक्षता बाबा महाकाल कर रहे हैं, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हम सभी महाकाल के अधीन हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन और महाकाल प्रांगण के लोकार्पण की तैयारियों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रियों से चर्चा करेंगे। बैठक में महाकाल प्रांगण में नवविकसित क्षेत्र का नाम “शिव सृष्टि’ रखने का प्रस्ताव भी रखा जा सकता है। 11 अक्टूबर को प्रस्तावित प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए ये बैठक अहम मानी जा रही है।
200 वर्षों बाद उज्जैन में बैठक
हमारे लिए गर्व का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को प्रथम चरण का उद्घाटन करेंगे। मध्यप्रदेश की प्रगति और विकास सहित जनता के कल्याण के लिए हमें विचार आया कि महाकाल महाराज की नगरी में बैठक की जाए। लगभग 200 वर्षो बाद ऐसा पहली बार मौका आया है कि सरकार सेवक के रूप में उज्जैन में बैठक कर रही है
रिवर फ्रंट विकसित किया जाएगा
सीएम ने कहा कि आज हमारा पहला निर्णय यही है कि महाकाल परिसर ‘श्री महाकाल लोक’ के नाम से जाना जाएगा। आज हम एक सैद्धांतिक फैसला करते हैं कि नर्मदा जी का जल सदैव क्षिप्रा जी में आएगा। फैक्टरीज का जो दूषित जल है, उसको डायवर्ट करने का काम चल रहा है। क्षिप्रा नदी किनारे रिवर फ्रंट भी विकसित किया जाएगा, जिससे उज्जैन का अलग रूप निखरेगा।
महाकाल पुलिस बैंड वृहद होगा
यहां दादा की सवारी निकलती है तो पुलिस बैंड भी निकलता है। महाकाल पुलिस बैंड में अभी 11 लोग पुलिस जवान है। अब इस बैंड को वृहद किया जाएगा। इसमें 36 नये पदों का सृजन किया जाएगा।
हवाई पट्टी को विकास होगा
उज्जैन में हवाई पट्टी का विकास होगा। इसके लिए 41 करोड़ भूअर्जन और 39 करोड़ रुपए उज्जैन हवाई पट्टी के विकास के विकास के लिए कैबिनेट में स्वीकृत किए गए।
20 हेक्टेयर में हो रहा विस्तार
मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल परिसर का विस्तार 20 हेक्टेयर में किया जा रहा है। विस्तार के बाद महाकाल मंदिर परिसर उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से चार गुना बड़ा होगा। काशी विश्वनाथ कॉरीडोर 5 हेक्टेयर में फैला है।
200 मूर्तियां और भित्त चित्र बनाए गए
महाकाल कॉरिडोर पौराणिक सरोवर रुद्रसागर के किनारे विकसित किया जा रहा है। यहां भगवान शिव, देवी सती और दूसरे धार्मिक किस्सों से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां और भित्त चित्र बनाए गए हैं। श्रद्धालु हर एक भित्ति चित्र की कथा इस पर स्कैन कर सुन सकेंगे। सप्त ऋषि, नवग्रह मंडल, त्रिपुरासुर वध, कमल ताल में विराजित शिव, 108 स्तम्भों में शिव के आनंद तांडव का अंकन, शिव स्तम्भ, भव्य प्रवेश द्वार पर विराजित नंदी की विशाल प्रतिमाएं मौजूद हैं। महाकाल कॉरिडोर में देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया गया है।
856 करोड़ परियोजना की कुल लागत
महाकाल परिसर विस्तार की कल्पना 2016 सिंहस्थ के समय शुरू हुई थी, लेकिन फिर प्रारंभिक चरण में नागरिकों, मंदिर समिति और इससे संबंधित सभी लोग से चर्चा की गई और उनकेव चारों को ध्यान में रखकर परिसर के विस्तार की योजना बनाई। प्रारंभ में योजना की लागत 95 करोड़ की थी। जिसे बढ़ाकर 856 करोड़ किया गया। इसके पहले चरण में 351 करोड़ 55 लाख का था, लेकिन उस समय यह आवश्यकता महसूस हुई कि प्रथम चरण के अलावा भी और काम होंगे। पुर द्वितीय चरण 310 करोड़ 22 लाख का और यह भूअर्जन और बाकी अन्य चीजें विस्थापित की गई।
पहले चरण में यह काम हुआ
इसके तहत पहले चरण में महाकाल पथ, रूद्र सागर का सौंदर्यीकरण, विश्राम धाम आदि काम पूरे किए जा चुके हैं। विस्तारीकरण के कामों के बीच हाल ही में महाकाल पथ श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था।
त्रिवेणी संग्रालय के पास से महाकाल पथ का बड़ा द्वार बनाया गया है। विस्तार के बाद महाकाल मंदिर के सामने का मार्ग 70 मीटर चौड़ा हो गया है। महाकाल मंदिर चौराहे तक का मार्ग 24 मीटर चौड़ा किया जाएगा। विस्तारीकरण के बाद महाकाल मंदिर का क्षेत्र 2.2 हेक्टेयर से बढ़कर 20 हेक्टेयर से अधिक हो गया है।
दूसरे चरण में यह काम संपन्न होंगे
महाराज वाड़ा परिसर का उन्नयन, रूद्र सागर का जीर्णाद्धार भी पूरा होना है। जिसमें रामघाट का सौंदर्यीकरण शामिल है। इसके साथ ही कुछ स्कूल रखे हैं, उनको भी बनाने का काम होंगा। नवीन स्कूलों का निर्माण, गणेश नगर स्कूल का निर्माण जैसे काम शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj द्वारा कैबिनेट बैठक के पूर्व संबोधन https://t.co/Dr63CNWp2p
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) September 27, 2022
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक उज्जैन आयोजित की गई। इसमें कैबिनेट मंत्री के साथ-साथ मुख्य सचिव के साथ कई विभागों के सचिव भी मौजूद थे।
सुबह से अफसरों का जमावड़ा
संकुल भवन में सुबह से ही तमामा विभागों के अफसरों का जमावड़ा शुरू हो गया। आमतौर पर कैबिनेट की बैठक का ऐजेंडा सार्वजनिक नहीं किया जाता हैं। ऐसी स्थिति में पहली बार उज्जैन में में हो रहीं प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक का ऐजेंडा क्या होगा,यह अब तक पता नहीं चल पाया है।
हालांकि कहा जा रहा है कि महाकाल कॉरिडोर, प्रधानमंत्री की उज्जैन यात्रा की तैयाकरयों को लेकर अधिक बात हो सकती है। खबर है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान या गृह एवं संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा बैठक के बाद कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी प्रशासनिक संकुल भवन में प्रेस ब्रिफिंग में देंगे। माना जा रहा है पीएम मोदी के कार्यक्रम से पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान उज्जैन की ब्रांडिंग करने के मकसद से मीटिंग उज्जैन में आयोजित करवा रहे है।
सबसे पहले उज्जैनी में
प्रदेश के इतिहास में यह तीसरा अवसर है कि राज्य मंत्रिमंडल की बैठक राजधानी से दूर अन्य जिले में हो रही है। इसके पहले दो अलग-अलग बैठकें इंदौर और खंडवा जिले में हो चुकी है राज्य मंत्री मंडल की राजधानी से बाहर सबसे पहली बैठक 18 फरवरी 2014 को इंदौर जिले के उज्जैनी गांव में नर्मदा शिप्रा लिंक परियोजना के शुभारंभ अवसर पर हुई थी। इसे पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए कैबिनेट की बैठक उज्जैनी में हुई थी।
हनुमंतिया में क्रुज पर बैठक
प्रदेश मंत्रिमंडल की दूसरी बैठक खंडवा जिले के हनुमंतिया द्वीप पर हुई थी। प्रदेश सरकार द्वारा इंदिरा सागर बांध के जलाशय में हनुमंतिया द्वीप के रूप में विकसित जल रिसोर्ट में क्रुज पर 2 फरवरी 2016 को क्रुज पर कैबिनेट की बैठक आयोजित की थी इसके बाद 12 फरवरी को जल उत्सव के साथ हनुमंतिया द्वीप को किया गया था।
चिंतन बैठक पचमढ़ी में
शिवराज सरकार के मंत्रीमंडल एक चिंतन बैठक 26-27 मार्च 2022 को पचमढ़ी में हुई थी। इस बैठक में प्रदेश के विकास और लोगों को रोजगार का रोडमैप चिंतन किया गया था। इस अवसर पर सरकार की प्राथमिकता वाली सभी योजनाओं पर मंत्रियों द्वारा प्रस्तावित और क्रियान्वयन पर प्रस्तुतिकरण दिया गया था।
उमा भारती की कल्पना
प्रदेश की राजधानी से बाहर प्रदेश सरकार कैबिनेट की बैठक आयोजित करने की कल्पना 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती की थी। सिंहस्थ 2004 के पूर्व तैयारियों की समीक्षा के लिए उज्जैन में एक वृहद बैठक आयोजित की गई थी। इसके बाद सुश्री उमा भारती ने प्रदेश के प्रमुख शहर और पर्यटन स्थलों को प्रचारित करने के उद्देश्य कैबिनेट की बैठक अलग-अलग स्थानों पर करने की घोषणा भी की थी। उनकी इस घोषणा पर अमल नहीं हो पाया था।
27 मंत्री है केबिनेट में
कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, विजय शाह, तुलसी सिलावट, जगदीश देवड़ा, बिसाहू लाल साहू, यशोधरा राजे सिंधिया, भूपेंद्र सिंह,मीना सिंह,कमल पटेल, गोविंद सिंह राजपूत, ब्रजेंद्र प्रताप सिंह, विश्वास सारंग, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, ओमप्रकाश सकलेचा, प्रेम सिंह पटेल, अरविंद भदोरिया, हरदीप सिंह डंग, राजवर्धन सिंह, उषा ठाकुर के अलावा स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार,रामखेलावन पटेल,भारत सिंह कुशवाह,रामकिशोर कांवरे हैं।