उज्जैन:A-4 कागज पर कलर प्रिंटर से एक साथ छपते हैं 4 नोट

By AV NEWS

स्कैनर की मदद से होती है नकली नोट की प्रिंटिंग, फीचर से करें पहचान

उज्जैन।चिमनगंज पुलिस ने एक ऐसे बदमाश को गिरफ्तार किया जो अपने दोस्तों से नकली नोट लेकर आया और उनका उपयोग उधारी चुकाने में किया। पुलिस ने पकडाये बदमाशों से पूछताछ की जिसमें सामने आया कि नकली नोटों की किस प्रकार प्रिंटिंग की जाती थी और एक बार में कितने नोट छाप सकते हैं।

पुलिस ने बताया कि ए-4 साइज के सामान्य पेपर का उपयोग नकली नोट छापने के लिये किया जाता है। एक पेपर पर एक साथ 4 नोटों की प्रिंटिंग हो जाती है। एक पेपर का उपयोग दोनों तरफ से किया जाता है। जितने रूपये का नोट छापना है उसको पहले स्कैन कर कम्प्यूटर की मदद से ए-4 साइज के पेपर पर फीट किया जाता है। नोट के दोनों हिस्से की स्कैनिंग होने और पेज की साइज में सेट करने के बाद कलर प्रिंटर की मदद से बदमाशों द्वारा नकली नोट प्रिंट कर लिया जाता है। चूंकि असली नोट की स्कैनिंग कर कलर प्रिंटर का उपयोग होता है। कटिंग भी एक समान साइज में होती है। कागज सामान्य होता है नोट के कागज की तरह इस कारण असली और नकली नोट की पहचान कर पाना आम व्यक्ति के लिये मुश्किल हो जाता है।

एक ही नंबर के होते हैं कई नोट
कम्प्यूटर, स्कैनर और प्रिंटर की मदद से नकली नोट छापने वाले लोग एक जैसे नोट तो प्रिंट कर लेते हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में नोटों की नंबर सीरीज नहीं बदलती क्योंकि जिस नंबर के नोट को स्कैन किया जाता है उसी नंबर के नोटों को कॉपी पेस्ट कर ए-4 साइज के पेज पर दोनों ओर से सेट किया जाता है, इस कारण नकली नोट की प्रिंटिंग तो हो जाती है, लेकिन उसके नंबर एक जैसे होते हैं।

नंबर सीरीज से ही पकड़ में आये थे नकली नोट
सुरेश पाल निवासी विराट नगर को उसके दोस्त बृजेश शर्मा निवासी विष्णुपुरा ने 4500 के नकली नोट दिये थे जिसमें 2000 के दो व 500 का एक नोट था। सुरेश ने जब नोट घर पर ले जाकर देखा तो नकली लगा। उसकी नंबर सीरीज देखी तो 2000 के दोनों नोटों की सीरीज एक ही नंबर की थी। इसी कारण नकली नोट पकड़ में आ गया।

लोग ऐसे बरतें सावधानी

शासन द्वारा नोट छापे जाने की प्रक्रिया अत्यंत जटिल है। असली नोट में अनेक ऐसे फीचर होते हैं जिनकी मदद से लोग असली व नकली नोट की पहचान आसानी से कर सकते हैं। चिमनगंज थाना प्रभारी जितेन्द्र भास्कर ने चर्चा में बताया कि असली नोट का कागज सिर्फ नोट प्रिंट के उपयोग में ही आता है। यह कागज देश में कहीं भी विक्रय नहीं होता। असली नोट के आगे व पीछे दोनों हिस्से अलग-अलग प्रिंट होते हैं साथ ही बीच में धागा होता है। नकली नोट प्रिंट करने वाले किसी भी स्थिति में धागा नहीं डाल सकते। खास बात यह कि प्रत्येक नोट के अंकों में खुरदुरापन होता है। यह विशेष फीचर दृष्टिहीनों के लिये है। आम व्यक्ति नंबरों पर उंगली फेरकर नंबरों के उभरे हुए हिस्से को महसूस कर सकते हैं।

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